उत्तर प्रदेश

Up Election 2022: Samajwadi Party-RLD का गठबंधन फाइनल,साइकिल की स्पीड तेजी से बढ़ाने में लगे हरेंद्र मलिक

Up Election 2022 : Samajwadi party और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) यूपी विधानसभा चुनाव (Up Election 2022) साथ मिलकर लड़ेंगे यह बात अब लगभग तय हो चुकी है। आगामी 21 नवंबर को इस गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह लगभग साफ हो जाएगी।

21 नवंबर को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का जन्मदिन है । उस दिन समाजवादी पार्टी, आरएलडी से गठबंधन (SP RLD Gathbandhan) का ऐलान कर सकती है। मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav birthday) जन्मदिन पर सपा बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है।

उनके नेताओं के साथ 2022 में उनके साथ जो चुनाव लड़ने जा रहे हैं वह भी मंच साझा करेंगे। इस कार्यक्रम में जयंत चौधरी और सुभाषपा अध्यक्ष ओपी राजभर के साथ महान दल समेत तमाम नेता मौजूद रहेंगे।

सूत्रों के मुताबिक आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (RLD president Jayant Chaudhary) पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 40 विधानसभा की सीटें अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मांगी है। जिस पर सहमति नहीं बन पा रही थी। लेकिन अब कहा जा रहा है कि 40 में से 32 सीट देने के लिए अखिलेश यादव तैयार हो गए हैं।

हालांकि इसमें एक दो सीट घट बढ़ भी सकती है। बता दें पिछले दिनों अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी से गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ कर दी थी। उन्होंने कहा था उनका आरएलडी से गठबंधन है और 2022 में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। अब सीटों को लेकर भी लगभग बात फाइनल हो गई है। 21 नवंबर को इसका आधिकारिक ऐलान भी हो सकता है।

गौरतलब है कि जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की कांग्रेस (Congress) से बढ़ रही नजदीकियों के बीच सपा प्रमुख एक्शन में आए और वह अब पूरी तरह से आरएलडी से गठबंधन की तस्वीर साफ कर देना चाहते हैं। सीटों के तालमेल पर फंसी बात को भी वह लगभग फाइनल कर लिए हैं। इसका ऐलान जल्द कर उन्हें पश्चिमी यूपी में अपना सहयोगी बनाए रखेंगे।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अब चाचा शिवपाल यादव (Shivpal yadav) को लेकर भी अपने रुख में नरमी दिखाई है। दीपावली पर सैफई में यादव परिवार एकजुट नजर आया। वहीं पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि वह अपने चाचा शिवपाल से भी गठबंधन करेंगे और उनका भी सम्मान पूरा रखेंगे।

जाहिर है शिवपाल यादव कई बार सपा से गठबंधन की बात कह चुके थे लेकिन अखिलेश की ओर से उनसे गठबंधन (gathbandhan) पर कोई पहल होती नहीं दिख रही थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी रथयात्रा निकालकर ताकत का अहसास कराया तो अखिलेश यादव के भी रुख में नरमी आई और उन्हें इसका अंदाजा लग गया कि 2017 की तरह 22 में भी चाचा, भतीजे की लड़ाई का असर जीत पर पड़ेगा।

जिससे विरोधियों को फायदा होगा। इसी नफा नुकसान के आंकलन के बाद अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल को लेकर नरम रुख अपना लिए हैं और उन्हें भी सीट देने पर तैयार हो गए हैं।

समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) पश्चिमी यूपी को लेकर खास प्लान तैयार कर रही है। क्योंकि वह जयंत के साथ ही कांग्रेस छोड़कर आए हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक को पार्टी में शामिल कर एक बड़ा दांव चला है। वह पश्चिम यूपी में किसान, जाट, गुर्जर के साथ ही मुसलमानों को अपने पाले में करने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं। अगर यह रणनीति कामयाब रही तो पश्चिम की 140 से ज्यादा सीटों पर सपा का दबदबा दिखाई देगा।  

News Desk

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