उत्तर प्रदेश

कोडवर्ड ‘उड़न तश्तरी’ का करते थे उपयोग: धार्मिक जुलूस वाली जगहों के साथ साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों का प्लान तैयार किया था

लखनऊ में 11 जुलाई को गिरफ्तार किए गए आतंकियों की जांच पड़ताल के बाद एक एक करके कई सबूत व जानकारी सामने आ रही है। एटीएस की जांच व पूछताछ में पता रहा है कि अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल का मकसद राज्य भर में धमाकों के जरिए आतंक व खौफ का माहौल पैदा करना और वैमनस्यता फैलाना था।
इसके लिए उन्होंने धार्मिक जुलूस वाली जगहों के साथ साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों का प्लान तैयार किया था। प्रदेश के कई ऐसे ही स्थान उसके निशाने पर थे।
मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी की जांच में पता चला है कि ये आतंकी अपने प्लान को अंजाम देने के लिए तरह तरह के कोड बना रखे थे और इन्ही गुप्त कोडों के जरिए उन्हें ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी करायी जा रही थी।
पकड़े गए आतंकी मिनहाज व मुशीर को इनके आकाओं ने फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड बताए थे और इन्हीं के जरिए पूरे प्लान को अंजाम देने की तैयारी थी। इस बात का खुलासा मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी से होता जा रहा है।इसमें ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं। इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने अपनी जानकारी के हिसाब से डिकोड कर लिए हैं जबकि कई कोडवर्ड को सुलझाने के लिए अभी भी कई कोडिंग विशेषज्ञों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है।

लखनऊ में 11 जुलाई को गिरफ्तार किए गए मिनहाज और मुशीरुद्दरीन के पास से एक डायरी व कुछ कागजात भी पुलिस को मिले थे। काले रंग की इस डायरी के अलग-अलग पन्नों में कोडवर्ड के जरिए कई महत्वपूर्ण प्वाइंट भी लिखे हुए थे। डायरी में कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से फोन पर बात करने के लिए ये लोग ‘फ्लाइट’ शब्द का इस्तेमाल करते थे।

ये आतंकी ई-रिक्शा के लिए उड़न तश्तरी वाले कोड का इस्तेमाल करते थे। इसी तरह मिनहाज से मिलने आने वाले दोनों कमाण्डरों के लिये भी खास कोडवर्ड बनाया गया था। उसमें लिखा गया था कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ।

एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये आतंकी आने वाले भीड़भाड़ वाले त्यौहारों व किसी विशेष तारीख पर निकलने वाले धार्मिक जुलूसों के साथ साथ मिश्रित आबादी वाले इलाकों को अपना टारगेट बना रहे थे। ऐसे में धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश की जा रही थी, ताकि प्रदेश का माहौल बिगाड़ा जा सके।

 एक्यूआईएस का सरगना उमर हलमंडी संभल का रहने वाला है। जो 21 साल पहले एक्यूआईएस के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भाग गया था। असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में एक्यूआईएस की कमान उमर हलमंडी के हाथ में सौंपी गयी है। उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार करके आतंकियों की फौज तैयार करने की पहल शुरू की है।

 

News Desk

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