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Muzaffarnagar में जैव ऊर्जा क्रांति! जिलाधिकारी ने दिए बड़े निर्देश, किसानों और उद्योगों को मिलेगा फायदा

मुजफ्फरनगर। Muzaffarnagar Newsजैव ऊर्जा के क्षेत्र में मुजफ्फरनगर जिला नए मुकाम हासिल करने जा रहा है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अगुवाई में विकास भवन के सभागार में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में जैव ऊर्जा नीति-2022 के तहत चल रही परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक में बायो सीबीजी प्लांट्स से जुड़ी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ किसानों और उद्योगों को लाभ पहुंचाने वाले कई अहम फैसले लिए गए।

क्या है जैव ऊर्जा नीति और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

जैव ऊर्जा नीति-2022 का मुख्य उद्देश्य कृषि अवशेषों, गोबर और अन्य जैविक सामग्री का उपयोग करके स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट्स की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि किसानों को अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी मिलेगा।

मुजफ्फरनगर में सीबीजी प्लांट्स की स्थिति

जिले में इस समय 26.3 टन क्षमता वाले 4 सीबीजी प्लांट पहले से ही कार्यरत हैं, जबकि 19.5 टन क्षमता वाले 3 नए प्लांट निर्माणाधीन हैं। इन प्लांट्स के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने कई अहम निर्देश जारी किए।

गोबर खरीद और नेपियर घास उत्पादन पर जोर

बैठक में जिलाधिकारी ने सरकारी गौशालाओं से गोबर खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही, सीबीजी प्लांट्स के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया कि वे किसानों से सीधा संपर्क कर नेपियर घास (एक उच्च उत्पादकता वाली चारा फसल) का अधिक से अधिक उत्पादन कराएं। यह घास बायोमास के रूप में सीबीजी प्लांट्स के लिए उपयोगी है और किसानों के लिए नया राजस्व स्रोत बन सकती है।

शुगर मिल्स से प्रेसमड की कीमत तय करने का आश्वासन

बैठक में एक बड़ी समस्या प्रेसमड (शुगर मिल्स का अपशिष्ट) की कीमत को लेकर उठाई गई। विभिन्न कंपनियों ने शिकायत की कि अलग-अलग मिल्स प्रेसमड की अलग-अलग कीमत वसूल रही हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने शुगर मिल प्रबंधन के साथ बैठक कर एक समान कीमत तय करने का आश्वासन दिया।

विभागीय समन्वय पर जोर

मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया ने यूपीनेडा के परियोजना प्रभारी को निर्देश दिए कि वे विद्युत विभाग, राजस्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर सीबीजी प्लांट संचालकों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। इससे परियोजनाओं में आने वाली बाधाएं दूर होंगी और निवेशकों को सहूलियत मिलेगी।

कौन-कौन थे बैठक में शामिल?

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिले के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ कई निजी कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इनमें मै० गिरवर एंड संस बायो एनर्जी, मै० पी०एस० ग्रीन गैस, मै० बायोस पार्क एनर्जी, मै० ग्रीन हाउस, मै० एम०एस०टी० रिसोल्यूशन इंडिया और मै० रेनफ्यूल्स एनर्जी जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे।

क्या होगा जिले को फायदा?

इस पहल से मुजफ्फरनगर जिले को कई लाभ होंगे:

  • किसानों की आय बढ़ेगी – गोबर और नेपियर घास की बिक्री से अतिरिक्त आमदनी।
  • रोजगार के नए अवसर – सीबीजी प्लांट्स से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन।
  • पर्यावरण सुरक्षा – जैविक कचरे का उपयोग कर प्रदूषण में कमी।
  • ऊर्जा आत्मनिर्भरता – स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन से पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटेगी।

आगे की राह

जिलाधिकारी ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे इस मिशन को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करें। सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में मुजफ्फरनगर जैव ऊर्जा के क्षेत्र में एक मॉडल जिला बने, जिससे पूरे प्रदेश को प्रेरणा मिल सके।

इस तरह, मुजफ्फरनगर जैव ऊर्जा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है। सरकार, उद्योग और किसानों के सहयोग से यह योजना न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि देश की स्वच्छ ऊर्जा योजनाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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