Maharashtra: मराठा आरक्षण की मांग तेज, सामूहिक रूप से जरांगे से अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील
Maharashtra: मराठा आरक्षण को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने कहा है कि वह अपनी भूख हड़ताल जारी रखने पर फैसला लेंगे. यह घटनाक्रम आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की पृष्ठभूमि में हुआ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह आरक्षण के मुद्दे पर सरकार या विपक्ष के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं. ग्रामीणों और उनके समुदाय की आवाज सुनना उनकी पहली प्राथमिकता है.
मनोज जरांगे ने आगे कहा कि मैं अनशन जारी रखने पर मंगलवार अपराह्न 2 बजे फैसला लूंगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सोमवार रात मुंबई में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक का प्राथमिक एजेंडा मौजूदा मराठा आरक्षण मामले पर विचार-विमर्श करना था. बैठक में राजनीतिक नेताओं ने सामूहिक रूप से जरांगे से अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की, जिसमें कहा गया कि उनकी कई मांगों को सरकार ने पहले ही मान लिया है और स्वीकार कर लिया है.
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को जालना जिले में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की घोषणा की और आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने का आग्रह किया है. उन्होंने सितंबर के पहले सप्ताह में राज्य के जालना जिले में आरक्षण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की भी घोषणा की. मीडिया से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया है. अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
इधर, आरक्षण की मांग को लेकर अनशन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जारांगे से मिलकर एकजुटता व्यक्त करने यहां आए किसान नेता राजू शेट्टी ने सोमवार को महाराष्ट्र के नेताओं से काफी समय से लंबित मराठा आरक्षण मुद्दे के समाधान में तेजी लाने की अपील की है. राज्य के प्रमुख किसान संगठन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख शेट्टी ने कार्यकर्ता के साथ मराठा आरक्षण मुद्दे पर समर्थन व्यक्त करने के लिए अंतरवाली सारती का दौरा किया. गांव में किसान नेता ने इस बात पर जोर दिया कि यह संघर्ष सिर्फ जारांगे का नहीं, बल्कि एक ऐसा मुद्दा है जो पूरे महाराष्ट्र को प्रभावित करता है.