उत्तर प्रदेश

West Bengal की धरती पर हिंदुओं पर सितम! ममता सरकार को हटाने की उठी मांग, शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन की लगाई गुहार

West Bengal में वक्फ बोर्ड कानून की आड़ में कथित लूटपाट, अत्याचार और सुनियोजित हिंदू विरोधी हिंसा के खिलाफ शिवसेना का गुस्सा उबाल पर आ गया। मुजफ्फरनगर में दर्जनों शिवसेना कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने एकजुट होकर प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तत्काल पद से हटाकर राज्य में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की पुरजोर मांग की।

इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना नेता मनोज सैनी ने किया, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में हो रही घटनाओं को “संविधान पर हमला” बताया। दर्जनों कार्यकर्ताओं ने “ममता हटाओ, हिंदू बचाओ” जैसे नारे लगाते हुए ज़ोरदार प्रदर्शन किया। शिवसेना के इस तीखे तेवर ने शहर में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ा दी है।


🛑 योगेंद्र शर्मा ने खोला ममता सरकार पर मोर्चा

शिवसेना के प्रदेश महासचिव डॉ. योगेंद्र शर्मा और मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में सुनियोजित तरीके से हिंदुओं की हत्या की जा रही है। बहन-बेटियों पर हैवानियत की सारी हदें पार की जा रही हैं और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खामोशी ओढ़े बैठी हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि ये खामोशी केवल उदासीनता नहीं, बल्कि सीधा संरक्षण है। दंगाइयों और कट्टरपंथियों को जैसे मुख्यमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है। अगर यही हाल रहा तो पश्चिम बंगाल जल्द ही भारत के भीतर एक अलग कानून व्यवस्था वाला राज्य बन जाएगा।


💥 क्या कहती है शिवसेना जिला इकाई?

शिवसेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा और नगर अध्यक्ष जितेंद्र गोस्वामी ने साफ शब्दों में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार अब जनहित की नहीं रही। उन्होंने कहा कि जब सरकार ही दंगाइयों को संरक्षण दे, तो उसे सत्ता में रहने का कोई औचित्य नहीं बचता।

उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार बिना देर किए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए और घटनाओं की निष्पक्ष जांच CBI या न्यायिक आयोग के माध्यम से कराए। साथ ही पीड़ित परिवारों को सरकारी सुरक्षा, पुनर्वास और उचित मुआवजा भी दिया जाए।


🚩 शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने किया सड़क जाम, उग्र नारेबाजी

प्रदर्शन के दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शहर के मुख्य चौराहों पर जमकर नारेबाजी की। “जय श्रीराम”, “हिंदू एकता ज़िंदाबाद”, “ममता सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारों से इलाका गूंज उठा।

कार्यकर्ताओं ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया, जिन पर लिखा था— “वक्फ बोर्ड कानून के नाम पर आतंक बंद करो”, “हिंदुओं की हत्या नहीं सहेगा हिंदुस्तान”।


👥 प्रदर्शन में शामिल रहे प्रमुख हिंदूवादी चेहरे

इस प्रदर्शन में जिले भर से आए शिवसेना के पदाधिकारी शामिल हुए जिनमें प्रमुख रूप से:

  • हिंदू नेता पंकज भारद्वाज

  • युवा जिलाध्यक्ष शैंकी शर्मा

  • मंडल महासचिव राजेश कश्यप

  • मंडल उपाध्यक्ष अमरीश त्यागी

  • पुष्पेंद्र सैनी

  • पूर्व नगर अध्यक्ष आशीष शर्मा

  • सचिन कपूर जोगी

  • भारत राजपूत

  • निकुंज सनातनी

  • अवनीश कुमार, राहुल, जसवीर, अरविंद, राहुल वाल्मीकि

  • भारत खोखर, अर्जुन कश्यप, गोपी वर्मा

  • रविंद्र शर्मा, सोनू कुमार, सुनील कुमार, अनुज कुमार, अतुल कुमार आदि मौजूद रहे।


🧨 बंगाल की राजनीति में “वक्फ बोर्ड” नया विवाद

पश्चिम बंगाल में वक्फ बोर्ड कानून को लेकर शिवसेना समेत कई संगठन आक्रोशित हैं। आरोप हैं कि वक्फ कानून के नाम पर हिंदू मंदिरों, जमीनों, और घरों पर कब्जा किया जा रहा है। यह मुद्दा अब बंगाल की राजनीति में केंद्र बिंदु बनता जा रहा है।

जहां एक ओर ममता सरकार वक्फ बोर्ड के कार्यों को “संवैधानिक अधिकार” बता रही है, वहीं विपक्ष इसे “हिंदू समाज के खिलाफ गहरी साजिश” बता रहा है।


🔍 क्या लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन?

संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत अगर किसी राज्य की सरकार संविधान के अनुसार नहीं चल रही है, तो केंद्र सरकार वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकती है।

शिवसेना की मांग है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा, कानून व्यवस्था की स्थिति और प्रशासन की निष्क्रियता इसी अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति शासन की मांग को वैध बनाती है।


📣 पूरे देश में गूंज उठा है ‘बंगाल बचाओ’ नारा

पश्चिम बंगाल की घटनाओं को लेकर केवल शिवसेना ही नहीं, बल्कि अन्य हिंदू संगठनों और राष्ट्रवादी ताकतों ने भी आवाज बुलंद की है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक #SaveBengal, #HinduLivesMatter जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

लोगों की मांग है कि जो लोग अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात करते हैं, वो आज बहुसंख्यक हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार पर क्यों चुप हैं?


📢 अब आगे क्या?

शिवसेना ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी इसी तरह के प्रदर्शन होंगे और संसद तक यह मुद्दा पहुंचाया जाएगा।

अब देखना होगा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर क्या रुख अपनाती है। क्या राष्ट्रपति शासन लागू होगा? क्या ममता सरकार पर कोई कार्रवाई होगी? यह आने वाला समय ही बताएगा।


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