Hathras सनसनीखेज: पत्नी ने नाबालिग बेटी संग मिलकर पति का किया कत्ल, आजीवन कारावास की सजा!
Hathras ज़िले के कपसिया गांव में हुए एक दिल दहला देने वाले अपराध ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। यह कहानी एक पारिवारिक झगड़े की थी, जो इतनी खौफनाक दिशा में मुड़ी कि एक महिला ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। इस घटना में दोषी पाई गई महिला कांति देवी को अदालत ने आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह मामला इतना जघन्य था कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। घटना 27 अगस्त 2022 की है, जब कांति देवी ने अपनी बेटी के साथ मिलकर धारदार हथियार से अपने पति मान सिंह पर हमला कर दिया। मान सिंह की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उसे अलीगढ़ के अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की पृष्ठभूमि: घरेलू विवाद से शुरू हुआ खूनी खेल
पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। कांति देवी और मान सिंह के बीच अक्सर झगड़े होते थे। कांति देवी अपनी बेटी को लेकर घर से अलग रहती थी और उस पर गलत कामों में लिप्त होने के आरोप थे। इस बात को लेकर मान सिंह अपनी पत्नी और बेटी से नाराज रहता था। यही विवाद आखिरकार मान सिंह की हत्या का कारण बना।
कांति देवी ने योजना बनाकर अपनी नाबालिग बेटी के साथ मिलकर धारदार हथियार से पति पर हमला किया। उसके बाद शव को चारपाई पर कपड़ों के अंदर छिपाने की कोशिश की गई। लेकिन मान सिंह का बेटा कौशल, जो ट्यूशन के लिए जा रहा था, वापस घर आया। उसने अपने पिता को खून से लथपथ देखा और शोर मचा दिया।
गांववालों का हस्तक्षेप और पुलिस जांच
कौशल के शोर मचाने पर गांववाले मौके पर पहुंचे और मान सिंह को गंभीर हालत में सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। लेकिन उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि उन्हें तुरंत अलीगढ़ रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान मान सिंह की मौत हो गई।
गांववालों की गवाही और घटनास्थल के साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने कांति देवी और उसकी नाबालिग बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। चूंकि बेटी नाबालिग थी, उसकी पत्रावली अलग की गई।
अदालत का फैसला: गवाहों की गवाही ने खोले राज
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या तीन, हर्ष अग्रवाल की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्यों और गवाहियों को ध्यान में रखा। मान सिंह के बेटे कौशल ने अदालत में अपनी मां और बहन के खिलाफ गवाही दी।
एडीजीसी शिवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस ने गहन जांच के बाद कांति देवी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत ने कांति देवी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर आर्थिक दंड भी लगाया गया। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया।
क्या कहता है समाज?
यह घटना न केवल एक पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। घरेलू विवाद और नैतिक मूल्यों में गिरावट ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते परिवार के भीतर समस्याओं को सुलझा लिया जाए, तो ऐसे अपराध रोके जा सकते हैं।
संबंधित घटनाओं का विश्लेषण
भारत में पारिवारिक विवाद के चलते हत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में पारिवारिक झगड़े के चलते हजारों हत्याएं दर्ज की गईं। इस मामले ने एक बार फिर यह दिखाया कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद कितना भयावह रूप ले सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग और सही मार्गदर्शन जरूरी है। यह केस भी इस बात की ओर इशारा करता है कि सामाजिक ताने-बाने में बढ़ती दरारें कितनी खतरनाक हो सकती हैं।
यह घटना समाज को झकझोरने वाली है। एक मां ने अपनी बेटी को साथ लेकर अपने पति का जीवन समाप्त कर दिया। यह मामला एक सवाल खड़ा करता है—क्या परिवार के भीतर छोटी-छोटी समस्याएं इतनी बड़ी हो सकती हैं कि उनका समाधान हत्या जैसे अपराध में ढूंढा जाए?
समाज के लिए यह समय है कि वह पारिवारिक मूल्यों और नैतिकता की पुनर्स्थापना करे। शिक्षा, जागरूकता और काउंसलिंग के जरिए ऐसी घटनाओं को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।