माँ-एक अहसास
मां वो है जिसने भगवान को जना है
मां वो है जिसके दम पर संसार बना है।
मां वो है जिसने हमें जन्म दिया है,
मां वो है जिसने हमें इतना बड़ा किया है।
मां वो है जिसके कारण हमारा अस्थित्व है
बिना मां के हमारा कहां व्यक्तित्व है।
मां, जिसने भूखी रहकर हमें भरपेट खिलाया
मां,जिसने गीले में सोकर हमें सूखे में सुलाया।
मां वो है जिसने हमें चलना सिखाया
मां वो है जिसके साथ बचपन बिताया।
मां वो है जिसने हमें बोलना सिखाया
मां वो है जिसने आंसू पीकर हमे हसाया
मां वो है जिसने अपने कर्तव्य बखूबी निभाएं
मां वो है जिसने मंजिल की तरफ मेरे कदम बढ़ाए
मां एक छोटे से बच्चे का बड़ा सहारा है
मां कभी नदी, कभी समुद्र का किनारा है
मां वो है जो मुश्किल का हल खोजती है
मां वो है जो सदैव बच्चे का भला सोचती है
मां स्वयं में विचारो की एक बड़ी माला है
मां एक छोटे से बच्चे की पाठशाला है
जिंदगी स्वर्ग है अगर मां का साथ हैं
मां के बिना तो बचपन अनाथ है।
मां वो है जिसका आशीर्वाद हमेशा साथ है
मां वो है जिसका हमेशा हमारे सिर पर हाथ है
मां खुद में ही उलझी सी एक पहेली है,
मां कभी दोस्त, कभी हमारी सहेली है
मां किसी की बेटी,किसी की पत्नी है,
मां कभी शक्कर , तो कभी चटनी है
मां वो है जो हर दुख हंसकर सहती है
मां वो है जो मुसीबत में भी शांत रहती है
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है
अगर बेटा होते हुए भी मां असमर्थ है
वो खुशनसीब है मां जिनके साथ है,
मां के आशीष के हजारों हाथ है….
मां के आशीष के हजारों हाथ है….
♥इं0 दीपांशु सैनी द्वारा लिखित
(सहारनपुर, उत्तर प्रदेश)