आरोपी बरी: हाईवे को तब तक पार नहीं करना चाहिए जब तक कि जेब्रा क्रॉसिंग का संकेत न हो- Court
मुंबई की एक Court ने एक 60 वर्षीय महिला से जुड़े एक मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने और लापरवाही से मौत के आरोप से एक व्यक्ति को बरी कर दिया। दरअसल, महिला की कथित तौर पर मोटरसाइकिल की चपेट में आने से मौत हो गई थी। मामला 2017 का है जब महिला एक हाईवे पार करने की कोशिश कर रही थी।
अदालत ने कहा कि पैदल चलने वालों को हाईवे को तब तक पार नहीं करना चाहिए जब तक कि जेब्रा क्रॉसिंग का संकेत न हो। एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 28 अगस्त को हेमंत हाटकर को आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध कराया गया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि पीड़ित मुद्रिका कांबले की दोपहिया वाहन पर जा रहे हाटकर की चपेट में आने से मौत हो गई। वह मुंबई में उपनगरीय चेंबूर के पास ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पार करने की कोशिश कर रही थी जब दुर्घटना हुई।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस एस परवे ने हाटकर को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष ने यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं दिया कि पीड़ित की मौत उसके वाहन की चपेट में आने से हुई थी। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह दिखाने के लिए कोई सामग्री भी रिकॉर्ड में नहीं रखी है कि आरोपी अपराध से जुड़ा था।
कोर्ट ने कहा कि मौके के पंचनामा से पता चलता है कि यह घटना मुंबई की ओर जाने वाले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर हुई। घटना स्थल से पूर्व दिशा की ओर 35 फुट की दूरी पर फुटपाथ था और 15 फुट की दूरी पर सड़क का डिवाइडर भी था।अदालत ने कहा, इसका मतलब है कि घटना सड़क के बीच में हुई जब मृतक उसे पार करने की कोशिश कर रही थी।