कोविड केयर कोच: अब रेल प्रशासन कोचों को यात्री सेवा में उपयोग करने की तैयारी में
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए रेलवे की तरफ से कोविड केयर कोच बनाए गए थे। महामारी के नौ माह बीत जाने के बाद भी इन कोचों का इस्तेमाल नहीं किया गया।
नकहा क्रासिंग पर खड़े 140 बेड वाले कोच को अब यांत्रिक कारखाना में लाने की तैयारी है। इसकी आंतरिक संरचना में बदलाव करके ट्रेनों में लगाया जाएगा।
बता दें कि, अप्रैल 2020 में तब कोरोना के मरीज बढ़ने लगे तो स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे ने आइसोलेशन कोच तैयार किए थे। इसे कोविड केयर कोच नाम दिया गया। गोरखपुर जंक्शन पर पहले 10 कोच वाले रैक को खड़ा किया गया।बाद में इसे नकहा रेलवे स्टेशन से सटी क्रासिंग के पास खड़ा किया गया।
जिले में कोविड के मरीज बढ़ने के बाद भी कोच में एक भी संक्रमित को भर्ती नहीं किया गया। कोचों में लगाए गए ताले आज भी वैसे ही बंद हैं। अब तो कोच के पेंट बदरंग हो चुके हैं। धूल की परत जमी हुई है। अब रेलवे बोर्ड के निर्देश पर रेल प्रशासन इन कोचों को यात्री सेवा में उपयोग करने की तैयारी में है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में सभी कोविड केयर कोच को ट्रेन में लगाकर भेजा जाएगा। जरूरत के हिसाब से इसे सर्विस में उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे में बने थे 18 रैक
पूर्वोत्तर रेलवे में 18 कोविड कोच वाले रैक तैयार किए गए थे। लखनऊ मंडल में चार, इज्जतनगर में चार और वाराणसी मंडल में 10 कोच रैक खड़े किए गए।