CAA को लेकर नफरती बयानबाजी-Swami Prasad Maurya के खिलाफ मांची थाने में एफआईआर दर्ज
सोनभद्र जिले के मांची थाने में राष्ट्रिय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उनकी गिरफ्तारी के बाद चर्चाएं तेज हैं। उन्होंने सीएए को लेकर अपने भाषणों में विवाद उत्पन्न किया था जिससे वे सार्वजनिक नजरों में आए। उनकी तारीफ और तिरस्कार के बीच, उन्हें आरोपित किया गया है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को भड़काया और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर CAA (नागरिकता संसोधन विधेयक) के खिलाफ भाषण दिया था। उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि इसके लागू होने से आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यकों को नुकसान होगा। उन्होंने इसे एक “घिनौना साजिश” बताया और कहा कि इससे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, बाराडाड़ गांव के निवासी बिंदु खरवार ने भी एक तहरीर में कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन लोगों को भी निशाना बनाया है जो सदियों से जंगलों में रह रहे हैं और जिनकी ज़मीन पर उनका आधार है।
इन घटनाओं ने समाज में उग्रवादी चर्चाओं को उत्पन्न किया है और इसने स्वामी प्रसाद मौर्य की सोशल मीडिया पर लोकप्रियता में भी गिरावट का सामना करना पड़ा है। इस प्रकार की बयानबाजी और विवादित भाषणों से समाज को विभाजित करने की कोशिश की जा रही है, जो सामाजिक और धार्मिक सुलझाओ में बाधक हो सकती है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उनकी गिरफ्तारी इस मामले को और गंभीर बना देती है। यह सोचने का समय है कि हमें अपने भाषण और बयानों को समाज को एकजुट रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए, न कि उसे विभाजित करने के लिए।
सीएए लागू होने के बाद Swami Prasad Maurya ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया था. इसमें उन्होंने CAA लागू करने की घोर निंदा की थी. उन्होंने लिखा, “नागरिकता संसोधन विधेयक (CAA) क़ानून लागू करना केंद्र सरकार का जन विरोधी निर्णय है, जो आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी भी है। सैकड़ो वर्षो से जंगलो में रहने वाले आदिवासियों तथा घूमन्तु जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ो, गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यको के पास आज भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं है, इस कानून के माध्यम से ऐसे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित करने व कब्जे से बेदखल कर नागरिकता से वंचित करने का घिनौना साजिश है. इस जन विरोधी क़ानून की मैं घोर निंदा करता हूं.”
बाराडाड़ गांव निवासी बिंदु खरवार ने अपने तहरीर में है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सैकड़ों वर्षों से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और घुमंतू जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ों, गरीबों, वंचिताें, अल्पसंख्यकों को नागरिकता से वंचित करने की बात कही है. इसको लेकर क्षेत्र के जनजातियों में तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं. सभी लोग डरे व सहमे हुए हैं. यह भ्रामक और देश विरोधी वक्तव्य हैं. जिसके बाद मांची पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.