Muzaffarnagar News: मानसिक स्वास्थ्य का आधुनिक परिवेश मे महत्व बढाः डा.कृष्णवीर सिंह
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) मानसिक स्वास्थ्य स्टार्ट अप लिस्सन ने अपना पहला सैन्टर उत्तर प्रदेश मे जनपद मुजफ्फरनगर मे शुरू करते हुए मानसिक रोगियों के लिए एक नई पहल शुरू की है। लिस्सन सैंटर सदर बाजार मे पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा.कृष्णवीर सिंह ने कहा कि दुनियाभर मे अब मानसिक स्वास्थ्य को बेहद महत्व दिया जा रहा है।
विदेशों की अपेक्षा भारत मे अभी भी लोग इस पर चर्चा करने से परहेज करते हैं। उन्होने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि लिस्सन का उददेश्य मानसिक स्वास्थ्य की बाधाआें को दूर करना है। लिस्सन के सह संस्थापक और निदेशक के रूप मे उन्होने बताया कि वे खुद इस जनपद के ही मूल निवासी हैं और विदेशो मे अपनी सेवाएं देने के बाद उन्होने भारत को अपनी कर्मभूमि बनाया है।
लिस्सन के दूसरे सह संस्थापक तरूण गुप्ता ने बताया कि हम मानसिक और भावनात्मक कल्याण के विषय पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम मे ऐसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया मुजफ्फनगर के साथ एक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया है।
उनका उददेश्य है कि लोग चिकित्सक के सामने बिना संकोच के अपनी बात कह सकें। लिस्सन की सीएमओ डा.प्रीति सिंह ने पत्रकारों को बताया कि लोगों के जीवन को बदलने और उनके दैनिक जीवन के सभी पहलुओं मे मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करके उनकी चिकित्सकीय टीम मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता पैदा करने प्रयास करेगी।
अभी तक 3000 लोग इस अभियान मे शामिल हो चुके हैं और इस वर्ष के अन्त तक 20000 से अधिक लोगों की मदद की जा सकेगी। मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सत्र मे डा.आर.बी.सिंह,डा.सौरभ सिह,डा.पंकज जैन,डा.सुनील गुप्ता,डा.पल्लव जैन,डा.अम्बर तिवारी,डा. अर्पण जैन, डा.राजबीर सिह मलिक,डा.रविन्द्र सिह, डा.गिरीश कुमार,डा.कुलदीप चौहान, डा.अनुभव सिंघल, डा.विजय जैन,डा. हृदयेश अरोरा आदि की उपस्थिती रही। उन्होने यह भी जानकारी दी कि लिस्सन को गत 15 अगस्त 2021 को लॉन्च किया गया था और भारत मे इसका मुख्यालय गुरूग्राम मे बनाया गया है। पत्रकार वार्ता मे नगर के प्रमुख चिकित्सक मौजूद रहे।
नैट परीक्षा पास कर बनाया रिकार्ड
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) नगर के मौहल्ला खादरवाला निवासी डा.लक्ष्मण सिंह ने पत्रकारो को बताया कि उन्होने पूरे भारत मे 12 विषयो मे यूजीसी नेट परीक्षा पास कर एक रिकार्ड कायम किया है। देखा जाये जो वे टैक्निकल रूप से भारत के सबसे अधिक शिक्षित व्यक्ति बन गए है
उनका नाम इण्डिया बुक ऑफ रिर्काड मे दर्ज हो चुका है। रूडकी रोड पर एक रैस्टोरेन्ट मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे डा.लक्ष्मण सिह ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा जनपद मे शिशु मंदिर व डीएवी कॉलेज मे हुई। उनके पिता बोहरनलाल कस्टम व सैन्ट्रल एक्साईज के सुप्रीटेन्डेन्ट रहे हैं। उनकी बाद की शिक्षा दिल्ली मे हुई। लक्ष्मण सिह ने बताया कि उनकी आदत है कि बिना सोचे-विचारे सब विषयों को पढना न कि एग्जाम पास करने के लिए किसी विषय को पढना।
उन्होने बताया कि वे अपने ज्ञान की प्यास बुझाने के लिए पढाई करते रहे हैं। इस दौरान उन्होने पडौसी देश नेपाल की भी मोटर साईकिल से यात्रा की और समाज के विभिन्न रंगो डॉस,खेलकूद, आध्यात्म,रेसिंग आदि मे भी उन्होने बराबर भाग लिया। उन्होने यह भी बताया कि उन्होने जेएनयू का एन्ट्रेस एग्जाम 33 बार पास किया। डा.लक्ष्मण सिह ने विद्यार्थियो को सन्देश दिया कि सफलता के लिए हैण्ड राईटिंग को आधार ना बनाए और माता-पिता बच्चे की अभिरूचि के अनुरूप के उसका कैरियर बनाने मे सहयोग करें। पत्रकार वार्ता मे बोहरन लाल,डा.किरण पाल, सुभाषदेव भारती आदि मौजूद रहे।