नेपाल के विदेश मंत्री ग्यावली ने भारतीय राजदूत को सीमा मुद्दों पर नोट सौंपा
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने सोमवार को नेपाल के विदेश मंत्रालय में आयोजित एक बैठक में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को सीमा मुद्दों पर नेपाल सरकार की स्थिति से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने इस संबंध में राजनयिक को एक नोट सौंपा।
Nepal's Foreign Minister Pradeep Gyawali conveyed Govt of Nepal's position on boundary issues to Indian Ambassador to Nepal Vinay Mohan Kwatra (in pic) at a meeting held at Ministry of Foreign Affairs today&handed over diplomatic note in this regard:Nepal Foreign Affairs Ministry pic.twitter.com/2tTchTkYT4
— ANI (@ANI) May 11, 2020
इससे पहले, नेपाल के विदेश मंत्री ने भारत के साथ सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की बात कही थी। भारत द्वारा उत्तराखंड में धारचुला से लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली एक सड़क के निर्माण के बाद नेपाल की ओर से आपत्ति जताए जाने के बाद प्रदीप कुमार ग्यावली ने इस मुद्दे पर संसद में अपनी बात रखी थी।
बता दें कि, नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने संसद में एक विशेष प्रस्ताव पेश कर कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख में नेपाल के क्षेत्रों को वापस लेने की मांग की है।
सांसदों ने दावा किया कि महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से पर लगभग 400 वर्ग किलोमीटर भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने अपने प्रस्ताव में नेपाल सरकार से इसे वापस लेने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
इसपर ग्यावली ने दावा किया कि नेपाल से संबंधित क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वे वैसे ही हैं, जैसा 1816 की सुगौली संधि में इनका जिक्र है।
संधि के बाद नेपाल और तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय सरकार के बीच तीन पूरक दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी हुआ था और उस स्थिति को बदलने के लिए कोई अन्य समझौता नहीं हुआ।