पंचायत चुनाव में महिलाएं बनेंगी पीठासीन अधिकारी: चुनाव शांतिपूर्ण कराने के लिए खाका तैयार
मुजफ्फरनगर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की समय सारिणी घोषित होने के बाद जिला प्रशासन ने भी चुनावी तैयारी तेज कर दी है। चुनाव शांतिपूर्ण कराने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है।
इस बार 16 हजार कर्मचारी चुनाव कराएंगे, जबकि जिले में मात्र 12 हजार कर्मचारी हैं, जिनमें छह हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। ऐसे में मंडल के दूसरे जिलों सहारनपुर और शामली के कर्मचारी भी मुजफ्फरनगर में चुनाव संपन्न कराएंगे।
इस बार पंचायत चुनाव में महिलाओं को पीठासीन अधिकारी भी बनाया जाएगा। इस बारे में शासन से निर्देश जारी हुए हैं। हालांकि महिला कर्मचारियों को बूथों पर रात्रि में विश्राम कराना बड़ी चुनौती है। पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। जिले में 43 जिला पंचायत सदस्य, 498 ग्राम पंचायत समेत क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों पर चुनाव होगा।
सात व आठ अप्रैल को नामांकन और 19 अप्रैल को मतदान होना है। चुनाव के लिए कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी संबंधित जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी संभालेंगे।
जिले में 12 हजार कर्मचारी
जिले में करीब 12 हजार कर्मचारी हैं, जिसमें शिक्षक व शिक्षिकाएं भी शामिल हैं, जबकि चुनाव के लिए 16 हजार कर्मचारियों की सूची तैयार हुई है। करीब चार हजार कर्मचारी शामली और सहारनपुर जिले से आएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने सेक्टर और जोन मजिस्ट्रेट को शिक्षण संस्थाओं में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
विद्यालयों में पोलिग पार्टियां चुनाव से एक दिन पूर्व रात्रि विश्राम करेगी। इस बार शासन से निर्देश आए हैं कि पद के आधार पर पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए जाए, जिसके चलते महिलाओं को भी पीठासीन अधिकारी बनाया जाएगा।
पिछले चुनाव में महिलाओं को पीठासीन से मुक्त रखा गया था। सभी बूथों पर महिलाओं के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश भी जारी हुए हैं। ताकि रात्रि विश्राम के दौरान महिलाओं को परेशानी न हो।
मंडल के दूसरे जिले से आएंगे कर्मचारी
सीडीओ आलोक कुमार यादव ने बताया कि पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही हैं। अधिकतर विद्यालयों में व्यवस्था दुरुस्त है। पीठासीन अधिकारी महिलाओं को भी बनाया जाएगा। कर्मचारी कम पड़ने पर मंडल के दूसरे जिलों से आएंगे।
स्वास्थ्यकर्मी चुनाव ड्यूटी से मुक्त
कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। शासन से निर्देंश आए हैं कि अभियान में और तेजी लायी जाए। इसके चलते चुनावी सरगर्मी में टीकाकरण भी तेजी से होगा। इसके चलते प्रशासन ने चिकित्सकों समेत मेडिकल स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने का निर्णय लिया है।