प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अतिथियों का आगमन शुरू, Ayodhya में सिर्फ आठ विमानों की होगी पार्किंग
Ayodhya भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो हमारे समृद्धि और एकता की प्रतीक है। यहां आनेवाले विशेष अतिथियों का स्वागत होने वाला है, जो श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आए हैं।
Ayodhya में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए विशिष्ट अतिथियों का आगमन शुरू हो गया है। शनिवार को कई मेहमान रामनगरी पहुंच गए हैं। हालांकि आमंत्रितजन बड़ी संख्या में रविवार को पहुंचेंगे। कई वीवीआईपी ऐसे भी होंगे जो सीधे 22 जनवरी को ही विमान से आएंगे। वह उसी दिन लौट भी जाएंगे। यहां रात्रि प्रवास करने वाले मेहमानों को होटल, टेंट सिटी और आश्रमों में तैयार किए गए विशेष कक्षों में ठहराया जा रहा है।
शनिवार को रामनगरी पहुंचने वाले अतिथियों में मुख्य रूप से ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, योग गुरु बाबा रामदेव, बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री और युग पुरुष परमानंद शामिल हैं। इसी तरह विभिन्न अखाड़ों के महंत और पंचों के साथ बड़ी संख्या में आमंत्रित अन्य धर्माचार्यों के आने का सिलसिला जारी है।
जय श्रीराम! रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश-दुनिया के कई वीवीआईपी आमंत्रित हैं. इनमें से अधिकांश के विशेष विमानों से पहुंचने की संभावना है. उम्मीद है कि इस दिन अयोध्या में 100 से अधिक चार्टर्ड फ्लाइट्स लैंड होंगी. इसके मद्देनजर एक हजार किलोमीटर के दायरे में पांच राज्यों के 15 एयरपोर्ट्स पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडियास के अनुसार लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, रायबरेली, फुरसतगंज, देहरादून, पटना, गया, देवघर, खुजराओ, भोपाल, इंदौर को विमान पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया है. साथ ही कुछ और एयरपोर्ट्स को तैयार रहने को कहा है. पार्किंग की विशेष व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि अकेले महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या पर एक साथ इतने विमान पार्क नहीं किए जा सकते.
अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सिर्फ आठ विमानों के पार्किंग की व्यवस्था होगी. जिसमें से एक पार्किंग पीएम मोदी के विमान के लिए रिजर्व रहेगी. अयोध्या एयरपोर्ट पर 22 जनवरी को करीब 48 चार्टर्ड विमानों के उतरने का निवेदन मिला है.
पार्किंग की व्यवस्था
लखनऊ-8
कानपुर-10
प्रयागराज-4
कुशीनगर-4
देहरादून-4
खजुराहो-4
काशी-6
इंदौर-10
गोरखपुर-17
ड्रॉप एंड मूव पॉलिसी
Ayodhya में पार्किंग की जगह काफी कम होने के चलते यहां ड्रॉप एंड मूव पॉलिसी पर अमल किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि विमान लोगों को ड्रॉप करने के बाद किसी दूसरे हवाई अड्डे पर पार्क किए जाएंगे. यही नीति लखनऊ एयरपोर्ट पर भी लागू होगी.
इन सभी के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अलग-अलग टेंट सिटी और आश्रमों में ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। कुछ विशिष्ट संत निर्मोही अखाड़े में प्रवास कर रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई शीर्ष पदाधिकारी पहुंच गए हैं। शनिवार को यहां आने वालों में सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख रामलाल और पूर्व सर कार्यवाह भैया जी जोशी प्रमुख हैं।
सर संघ चालक मोहन भागवत रविवार को अयोध्या पहुंचेंगे। उनके साथ आरएसएस के कई अन्य केंद्रीय पदाधिकारी भी समारोह के एक दिन पहले ही आएंगे। सर संघ चालक समेत अन्य सभी शीर्ष नेता 22 जनवरी तक यहीं रुकेंगे। यह सभी लोग समारोह में भाग लेने के बाद वापस लौटेंगे।
श्रीरामलला, अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम, हिन्दू धर्म के प्रमुख आदर्शों में से एक हैं। उनका जीवन एक आदर्श जीवन की प्रेरणा स्रोत है, जो धर्म, नैतिकता, और समर्थन के साथ भरा हुआ है। उनकी बड़ी संख्या में अनुयायी और भक्तों के लिए अयोध्या एक पावन स्थान है जहां वे श्रद्धा और भक्ति में रमते हैं।
भारतीय राजनीति में भी अयोध्या एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है, विशेषकर भाजपा सरकार के माध्यम से। रामनगरी में आयोजित इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नेताओं का समूह आएगा, जो आपस में मिलकर अयोध्या के महत्व को और बढ़ाएंगे। इसमें शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद, उमा भारती, बाबा रामदेव, और अन्य धार्मिक आचार्य शामिल हैं।
अयोध्या का महत्व न केवल हिन्दू धर्म में है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा भी है। यहां की भव्य रामलला मंदिर ने दुनिया भर में अपनी शानदारता और भक्ति के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की है। इस समारोह में भारतीय संस्कृति और धरोहर की भव्यता को साकार किया जा रहा है।
आयोध्या में आने वाले अतिथियों का स्वागत हमारे लिए गर्व का क्षण है। इस समारोह से न केवल भारतीय समृद्धि का पैम्प बढ़ेगा, बल्कि यह हमें हिन्दू धर्म और संस्कृति के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने का एक अद्वितीय अवसर भी प्रदान करेगा। इस अद्वितीय क्षण में हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एक बड़े परिवार के सदस्य हैं और हमें एक दूसरे के साथ शांति और सामंजस्य में रहना चाहिए।
अयोध्या का यह समारोह हमें धार्मिकता, एकता, और समर्पण की भावना से भर देता है। इसे याद रखकर हमें अपने जीवन में भी इन मूल्यों को अपनाना चाहिए ताकि हम सभी मिलकर एक समृद्ध और समरस भविष्य की ओर बढ़ सकें। जय श्रीराम!