बसपा नेता अनुपम दुबे के आवास पर कुर्की की कार्रवाई शुरू: 25 साल पहले हुई इंस्पेक्टर की हत्या
फर्रुखाबाद में बसपा नेता अनुपम दुबे के फतेहगढ़ स्थित कसरट्टा मोहल्ले के आवास पर जीआरपी ने 82/83 ( कुर्की ) की कार्रवाई की गयी। अनुपम दुबे मेरठ निवासी इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की हत्या में नामजद हैं।बता दें कि 14 मई 1996 में पैसेंजर ट्रेन में मेरठ के रहने वाले इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की कानपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
फर्रुखाबाद में बसपा नेता अनुपम दुबे के फतेहगढ़ स्थित कसरट्टा मोहल्ले के आवास पर जीआरपी ने 82/83 ( कुर्की ) की कार्रवाई की गयी। बसपा नेता डा. अनुपम दुबे की तलाश में छापा मारने के लिए जीआरपी टीम पूरी तैयारी से आई थीं। किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो जाए, इसलिए पुलिस अधिकारियों ने पूरी तैयारी की थी। पूरी कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर हुई। जीआरपी टीम के अलावा जिले के कई थानों से भी पुलिस फोर्स को भेजा गया। इससे मोहल्ला कसरट्टा पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
चार मई 1996 को पैसेंजर ट्रैन के गार्ड आरके बाजपेयी ने जीआरपी थाना अनवरंगज कानपुर में सूचना दी कि बोगी में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। शव की शिनाख्त जनपद मेरठ के थाना अमीनगर सराय के गांव लाहौर सराय निवासी पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव के रूप में की गई।
जीआरपी थाने में दर्ज मुकदमे में विवेचना में नेम कुमार बिलइया, अनुपम दुबे व कौशल दुबे के नाम प्रकाश में आए थे। 24 जुलाई 1996 को तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें नेम कुमार बिलइया मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं कौशल दुबे की बाद में मौत हो गई थी।
न्यायालय ने वर्ष 2003 में डॉ. दुबे के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था और वर्ष 2008 में 82/83 का आदेश दिया था लेकिन तब कार्रवाई नहीं हो पायी थी। डा. दुबे के हाजिर न होने पर कानपुर नगर के मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने फिर सात जुलाई को उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू व धारा 82/83 के तहत कुर्की वारंट जारी किया।
इस आदेश पर मंगलवार को आगरा जीआरपी सीओ हरिश्चंद्र बड़ी पुलिस बल के साथ फतेहगढ़ स्थित डॉ. अनुपम के आवास परपहुंचे। उनकी गैर मौजूदगी में पुलिस ने कार्रवाई की जानकारी घर वालों को दी और कुर्की की कार्रवाई शुरू की। सीओ ने बताया कि कुर्की की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।
आवास पर पुलिस बैठा दी गई है। हत्या में फरार चल रहे अनुपम दुबे के घर कुर्की के लिए कई जनपदों की जीआरपी पहुंची। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जाकर हाईकोर्ट का स्टे बताकर कुर्की का विरोध किया। इस पर सीओ से नोकझोंक हो गई।