दिल से

बौद्ध मठ तोड़कर बनाया गया था Meerut की जामा मस्जिद-इतिहासकार

Meerut: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच अब यूपी के मेरठ की एक मस्जिद को लेकर एक इतिहासकार ने बड़ा दावा किया है. मेरठ के एक इतिहासकार ने 1904 के अंग्रेजों के गैजेटियर का हवाला देते हुए कहा है कि आज जहां मेरठ की जामा मस्जिद स्थित है उसे बौद्ध मठ तोड़कर बनाया गया था.  मेरठ के वरिष्ठ इतिहासकार पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर केडी शर्मा का दावा है कि इस जामा मस्जिद की जगह पहले बौद्ध की मॉनेस्ट्री हुआ करती थी.

प्रोफेसर केडी शर्मा ने बताया कि उनके एक मित्र के पास से कुछ पुराने स्तंभ उनको मिले थे. मेरठ में 1875 में भूकम्प आया था, जिसमें जामा मस्जिद का कुछ हिस्सा टूटकर गिर गया था. भूकंप के बाद जब मलबे को हटाया गया तो बौद्ध मॉनेस्ट्री के सतंभ मिले थे. ऐसा ही एक स्तंभ उनको एक परिचित व्यक्ति के पास से मिला था. इस स्तंभ को केडी शर्मा घर लेकर आ गए और फिर उस पर रिसर्च शुरू किया. रिसर्च के दौरान उनको 1904 का अंग्रेजों के जमाने का मेरठ जिले का गैजेटियर मिला, इस गैजेटियर में बताया गया है कि “ऐसा प्रतीत होता है कि जामा मस्जिद एक पूर्व बौद्ध मंदिर की स्थिति में है, जिसके अवशेष 1875 में खोजे गए थे.

ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण 410 हिजरी में गजनी के महमूद के वजीर हसन मेहंदी ने किया था और इसकी मरम्मत हुमायूं ने की थी”. इसी गैजेटियर का हवाला देते हुए पूर्व प्रोफेसर केडी शर्मा मान रहे हैं कि जामा मस्जिद को बौद्ध मॉनेस्ट्री को तोड़ कर बनाया गया है. इतना ही नहीं केडी शर्मा ने एक और किताब जन्म शती ग्रंथ जो राजश्री टंडन ने लिखी है उसका भी हवाला दिया है. इधर मेरठ के शहर काजी जैनुस साजिदीन ने डॉक्टर केडी शर्मा की बात को सिरे से नकारा है.

उन्होंने कहा कि ये मस्जिद नासिरूदीन महमूद पुत्र शमशुदीन एल्तामिश ने 647 हिजरी में बनवाई थी. बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से अभी 1450 वां साल चल रहा है. यानी करीब 800 साल पहले इस मस्जिद का निर्माण हुआ था. शहर काजी का दावा है कि जो वो स्तंभ है वो दिल्ली सल्तनत के जमाने के हैं,जिससे ये दावा किया जा सकता है कि नासिरूदीन महमूद ने इस का निर्माण कराया था जो महमूद गजनवी के 200 साल के बाद हुआ था.

Courtesy: This article is extracted with thanks & zero benefits from news18 website.

News-Desk

News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]

News-Desk has 16314 posts and counting. See all posts by News-Desk

Avatar Of News-Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 1 =