पीसीएस से 2007 मे आईएएस बने, सख्त प्रशासक की पहचान रखते हैं आईएएस सीबी सिंह
मुजफ्फरनगर। दो साल की बेहतरीन पारी के बाद मुजफ्फरनगर की पहली महिला डीएम 2006 बैच की आईएएस सेल्वा कुमारी जे. का शासन ने अलीगढ़ डीएम के रूप में तबादला कर दिया। वह अलीगढ़ की भी पहली डीएम बनीं है। वहीं अलीगढ़ में लम्बी प्रशासनिक पारी खेलने वाले आईएएस चन्द्रभूषण सिंह को मुजफ्फरनगर जनपद की कमान सौंपी गयी है।
चन्द्रभूषण सिंह को ब्यूरोक्रेसी में एक सख्त मिजाज अफसर के रूप में पहचाना जाता है। यह उन्होंने अलीगढ़ में तैनाती के दौरान साबित भी किया है। शराब कांड के बाद वह राजनेताओं के निशाने पर रहे, लेेकिन प्रदेश शासन ने उन पर विश्वास कायम रखा और उन्होंने शराब माफियाओं के खिलाफ गंभीर कार्यवाही करते हुए एक संदेश देने का काम किया।
प्रदेश शासन द्वारा देर रात 19 आईएएस अफसरों का तबादला किया। इनमें मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वा कुमारी जे. का भी नाम शामिल रहा। सेल्वा कुमारी जे. ने 16 जुलाई 2019 को जिले की पहली महिला डीएम के रूप में कार्यभार संभाला था। वह जिले में आते ही चार्ज से पहले कांवड यात्रा के लिए कांवड मार्ग का निरीक्षण करने पहुंची थी।
हालांकि इससे पहले ही तबादला सूची जारी होने केे कारण सेल्वा कुमारी जे. 14 जुलाई को शुकतीर्थ में सीएम योगी की जनसभा में यहां पहुंची थी। उन्होंने जिले में कई उपलब्धियां हासिल की, इसके लिए उनको कई अवार्ड भी मिले। नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बड़ा अभियान चलाया।
सेल्वा कुमारी जे (2006) @DmMuzaffarnagar थीं, उन्हें डीएम अलीगढ़ बनाया गया है। चंद्र भूषण सिंह (2008) को डीएम अलीगढ़ से ट्रांसफर करके डीएम मुजफ्फरनगर बनाया गया है। शिवशरंप्पा जीएन (2015) को सीडीओ देवरिया के पद से नगर आयुक्त कानपुर ट्रांसफर किया गया है। pic.twitter.com/F8mHU30olF
— News & Features Network (@mzn_news) July 26, 2021
कचहरी से मास्टर विजय सिंह का धरना समाप्त कराने का फैसला काफी विवादों में रहा, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहीं और एक कुशल प्रशासक के रूप में दो साल का कार्यकाल पूर्ण किया। सेल्वा कुमारी अलीगढ़ की भी पहली महिला डीएम बनीं है।
वहीं उनके स्थान पर मुजफ्फरनगर के नये डीएम बनाये गये चन्द्रभूषण सिंह भी एक सख्त प्रशासक की पहचान रखते हैं। 2007 बैच के आईएएस अफसर चन्द्रभूषण सिंह ने 23 मार्च 2018 को अलीगढ़ डीएम का चार्ज संभाला था। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ फिलोसफी करने वाले चन्द्रभूषण सिंह 1990 बैच के पीसीएस अफसर हैं।
मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले के निवासी चन्द्रभूषण सिंह को 2007 में आईएएस कैडर में प्रोन्नत किया गया। वह सोनभद्र के भी डीएम रहेे चुके हैं। आईएएस चंद्रभूषण सिंह अलीगढ़ जिले में तीन साल चार माह तैनात रहे। इस लम्बी प्रशासनिक पारी के दौरान अलीगढ़ जैसे संवेदनशील जिले में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सख्त निर्णय लेने वाले प्रशासक के रूप में उनकी छवि रही।
इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों से विवाद भी रहा। मगर विवादों के बीच उन्होंने शहर की कई दशक पुरानी निजी बस स्टैंडों को शहर से बाहर करने, शहरी क्षेत्र में सरकारी संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाकर जिले को विकास के मार्ग पर ले जाने का प्रयास किए। चंद्रभूषण सिंह ने जब अलीगढ़ डीएम की कमान संभाली थी।
उस दौरान एएमयू में जिन्ना की तस्वीर का विवाद सुर्खियों में रहा। तमाम प्रदर्शन हुए। उन प्रदर्शनों में डीएम ने सख्त रुख अपनाकर निर्णय लिए। इसी बीच मथुरा रोड पर एक बड़ी बस दुर्घटना के बाद उन्होंने शहर में संचालित निजी बस अड्डों को बाहर कराया। यह जिले की कई दशक पुरानी मांग थी।
जिससे यातायात व्यवस्था में काफी सुधार हुआ। इसके बाद उन्होंने शहर से लेकर जिले में कई सौ करोड़ की सरकारी संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराया। अप्रैल 2020 में कोरोना ने जिले में दस्तक दी। इसके बाद दूसरी लहर की चुनौती आई, कोरोना काल में कुशल प्रबंधन करके और शासन की तर्ज पर जिले स्तर पर टीम-11 का गठन किया। प्रतिदिन कोरोना की समीक्षा बैठक करके जिले को कोरोना मुक्त कराया।
कार्यकाल के दौरान जिलाधिकारी ने कोरोना काल में ही नुमाइश-2021 का सफलता पूर्वक आयोजन कराया। धनीपुर हवाई पट्टी को धनीपुर मिनी एयरपोर्ट के तौर पर विकसित कराया। राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी, डिफेंस कारिडोर समेत विकास के कई प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण में इनकी अहम भूमिका रही।
शहर से निजी बस अड्डे को बाहर करने व जमीन कब्जा मुक्त कराने के लिए उनके फैसले भी काफी चर्चित रहे हैं, लेकिन उन्होंने हर चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतरीन परिणाम दिया। शराब कांड में ही डीएम के तबादले का शोर मचा था। मगर सरकार ने उन्हें बरकरार रखा।