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मुजफ्फरनगर में अफसरों ने खुद खोल दी अपने झूठ की पोल, पहले बताये 7 मरे, नाम दिए 5, फिर कहा -5 मरे, नाम दे दिए 7

मुजफ्फरनगर। कहते हैं ना, कि झूठ कभी ज्यादा समय तक छुपता नहीं है, कई दिन से झूठ बोल रहा मुजफ्फरनगर का प्रशासन, आज अपने ही आप पकड़ा गया, पिछले 10 दिन से मुजफ्फरनगर में कोरोना से लगातार मौतें बढ़ रही हैं

लेकिन मुजफ्फरनगर का प्रशासन है कि रोज यही सूचना देता है कि मुजफ्फरनगर में कोरोनावायरस से किसी की मौत नहीं हुई। सरकारी आंकड़ों में मौत छुपाने के इस खेल का पर्दाफाश आज खुद प्रशासन ने ही कर दिया है।

आज जिला सूचना विभाग द्वारा मीडिया को एक सूची भेजी गई, जिसमें बताया गया कि आज मुजफ्फरनगर में 311 नए संक्रमित मिले हैं, जबकि 7 लोगों की मृत्यु हो गई है, जिसके बाद जिले में अब तक मरने वालों की संख्या 171 हो गई है, इस सूची में 5 नाम भी शामिल किए गए थे।

इसके कुछ ही देर बाद जिला प्रशासन ने एक संशोधित सूची जारी की और जिसमें बताया कि आज जिले में संक्रमित 311 ही मिले हैं, लेकिन मृतकों की संख्या 7 नहीं केवल 5 है, जिसके बाद जिले में कुल कोरोना से हुई मौत 169 है। मजे की बात यह है कि पहली सूची में मौत 7 बताई गयी थी लेकिन प्रशासन ने केवल 5 नामों की सूची जारी की थी जबकि संशोधित सूची में मौत 5 बतायी गयी

जबकि सूची 7 मृतकों की जारी हो गयी और जिले में अब तक कोरोना से हुई मौत की संख्या भी संशोधित सूची में घटाकर 171 से 169 कर दी गयी।

7 मृतकों की प्रशासन की सूची के अनुसार सुषमा पत्नी सुनील आयु 52 वर्ष निवासी सुरेंद्र नगर मुजफ्फरनगर, जनेश्वर धीमान पुत्र बारू धीमान आयु 68 वर्ष निवासी रामपुरी मुजफ्फरनगर, बसंत पुत्र रामगोपाल 46 वर्ष निवासी खतौली, दीपक कुमार पुत्र ओमप्रकाश 29 वर्ष निवासी शिव नगर मुजफ्फरनगर, राधेश्याम पुत्र चमनलाल आयु 72 वर्ष नई मंडी मुजफ्फरनगर और सुनीता पत्नी जगदीश कुमार आयु 54 वर्ष निवासी जमुना नगर खतौली और सातवें मृतक के रूप में फरीद अहमद पुत्र मोहम्मद इरशाद आयु 36 वर्ष निवासी खतौली का नाम दिया गया है

पहली सूची में मृतक संख्या 7 बताई थी लेकिन नाम 5 दिए थे और संशोधित सूची में मृतक संख्या केवल 5 बताई गई और 7 नाम दे दिए गए।
मुजफ्फरनगर में अफसर आंकड़े छुपाने का खेल पिछले कई दिन से लगातार खेल रहे हैं और शहर के तीनों शमशान समेत कब्रिस्तान व ग्रामीण इलाकों में रोज ही दर्जनों कोरोनावायरस मरीजों का दाह संस्कार किया जा रहा है

जिन्हे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पैक करके सरकारी एम्बुलेंस ही शमशान घाट तक लाती है लेकिन सरकारी आंकड़ों में उनकी मौत कही नजर ही नहीं आती है।

नयी मंडी शमशान घाट के मंत्री संजय मित्तल ने बताया कि नई मंडी श्मशान घाट में मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव ने स्वयं फोन करके एक मरीज का अंतिम संस्कार कराया जिसे कोविड-19 प्रोटोकाल के अनुसार बाकायदा पन्नी में पैक करके एम्बुलेंस से श्मशान घाट भिजवाया गया

लेकिन प्रशासन की सूची से उनका भी नाम गायब था ,ऐसे ही दर्जनों मृतकों की सूची रोज मीडिया के पास आती है लेकिन प्रशासन की सूची में रोज मृतक संख्या शून्य दर्शाई जाती है

इससे भी बड़ी हैरत की बात यह है कि आज जो मुजफ्फरनगर का प्रशासन मृतक संख्या 169 बता रहा है वही लखनऊ से प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई सूची मुजफ्फरनगर में आज तक मरने वालों की संख्या 172 बता रही है।

प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार भी मुजफ्फरनगर में आज 7 की ही मृत्यु हुई है जबकि मुजफ्फरनगर के अफसरों ने संशोधित सूची में 7 की संख्या को घटाकर पांच कर दिया है।

News Desk

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