Muzaffarnagar- ग्रणी साहित्यिक संस्था वाणी की मासिक गोष्ठी हुई आयोजित
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) । अग्रणी साहित्यिक संस्था वाणी की मासिक गोष्ठी वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ ए .कीर्तिवर्धन जी के संयोजन में ५३– महालक्ष्मी एनक्लेव ,जानसठ रोड मुजफ्फर नगर में संस्था अध्यक्ष श्री राकेश कुमार कौशिक की अध्यक्षता और सचिव रामकुमार शर्मा रागी के संचालन में आयोजित की गयी ।
बसंत ऋतु और होली के पूर्व आयोजित इस काव्य गोष्ठी में रचनाकारों के होली , मधुमास और राष्ट्र भक्ति सहित अनेक प्रासांगिक विषयों पर सुंदर रचनाएँ प्रस्तुत की ।सर्व प्रथम माँ शारदे की वंदना वरिष्ठ कवियत्री डॉ .वीना गर्ग द्वारा पेश की गई और फिर रचनाएँ प्रस्तुत की गई । ड़ा वीना गर्ग ने रंगों के पर्व होली पर लोक गीत प्रस्तुत करते हुए कहा – प्रेम रंग डालो पिया ,भिगो दो मोरी चुनरिया, नेह रस घोलो पिया, सुना दो मोहे बाँसुरिया नवोदित कवियत्री सपना अग्रवाल ने भी फागुन को आधारित रचना पढ़ी-रंगीलो फागुन आयो सखी री , मन मोरा हर्षाये
सचिव वाणी रामकुमार शर्मा रागी ने राष्ट्रीय सरोकार से जुड़ी रचना पढ़ते हुए कुछ यूं कहा –खिजा का दौर आ जाये ,चमन छोड़ा नही जाता, जरा सी बात पर अपना वतन छोड़ा नही जाता समीर कुलश्रेष्ठ ने जीवन दर्शन को उकेरती रचना पढ़ी-अमल कांच के टुकड़ों सा
दिखता जिसमें है आर पार, भंगुर उर की निश्छलता, उठा सके ना जीवन भार
नवोदित कवि निशु भारद्वाज ने आशा वादी प्रेरक रचना से आनंदित किया -ये अंधेरा सो जाएगा ,प्रभात जल्दी आएगा, लक्ष्य का निर्धारण कर ,नया सवेरा आएगा।गीत गजलों की कवियत्री सुशीला शर्मा ने अपने अशआर कुछ ऐसे कहे-वरिष्ठ रचना कार ब्रजेश्वर त्यागी ने जीवन मूल्यों को दृष्टिगत रचना पढ़ी–मैं गीत बेचता हूँ ,बेमोल बेचता हूँ
जो देश पे हो कुर्बान वो सामान बेचता हूँ
कवियत्री लक्ष्मी डबराल ने प्रेम में डूबी रचना पेश करते हुए पढ़ा—
मेरी नजर देखे तुम्हें ,ये प्यार है और कुछ नही मेरी नजर ढूंढे तुम्हें ,ये भ्रम है और कुछ नही विजय मणि सिंह ने गजल के अशआर कुछ यूं बयाँ किये– सबके दिल से उतर गया हूँ मैं
एक पत्ता था झर गया हूँ मै
कवयित्री इंदु राठी ने होली पर एक बच्चे की भावना को ऐसे व्यञ्जित किया-माँ मुझको पिचकारी ला दो
एक छोटी सी लारी ला दो इनके अलावा प्रो जे पी सविता , विपुल शर्मा , संतोष कुमार फलक , राकेश कौशिक , पंडित राजीव भावज्ञय , श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी ,सविता वर्मा गजल ,ड़ा कीर्ति वर्धन अग्रवाल , योगेंद्र सोम ,श्रीमती विजया गुप्ता ,श्रीमती मीरा भटनागर, ब्रजराज सिंह आदि ने भी एक से बढ़कर एक रचनाएँ सुनाकर श्रोताओ को प्रफुल्लित और आनंदित कर दिया । कार्यक्रम के उपरांत आगामी होली पर्व के लिए शुभकामनाएं आदान प्रदान की गई ।