ईद-उल-अजहा को लेकर डीएम व एसएसपी ने मुस्लिम धर्मगुरूओ के साथ की बैठक
मुजफ्फरनगर। जनपद में कांवड की तैयारियों में जुटे जिला प्रशासन के द्वारा ईदुल अजहा की व्यवस्थाओं और सुरक्षा को लेकर भी सचेत हैं। डीएम और एसएसपी ने आज मुस्लिम धर्मगुरूओं व समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए विस्तार से चर्चा की। इस दौरान प्रशासन से ईद पर बिजली-पानी और साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त कराने की मांग की गयी।
आज कलेक्ट्रेट स्थित चौ. चरण सिंह सभाकक्ष में २१ जुलाई को मनाई जाने वाले ईदुल अजहा के त्यौहार को लेकर मुस्लिम धर्मगुरूओं के साथ डीएम सेल्वा कुमारी जे. और एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा समस्या और व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की। इस मीटिंग में प्रशासन द्वारा समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों और मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था।
मीटिंग में सभी ने अपनी अपनी बातों को पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के सामने रखा। मीटिंग के दौरान मुख्य रूप से ईद के दिन बिजली और पानी के साथ ही साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त किये जाने की मांग उठाई गयी। शहरी क्षेत्र में पिछले दिनों कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत की समस्या को भी उठाया गया।
इसमें कहा गया कि पूर्व से ही बंदोबस्त रहता है कि ईद के तीन दिनों के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति किये जाने के साथ ही पानी की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाती है। मीटिंग में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत के संसाधन विहीन होने के कारण साफ सफाई को लेकर भी शिकायत की गयी। इसके लिए प्रत्येक ग्राम में सफाई कर्मचारियों की अलग से तैनाती करने की मांग हुई।
शहर में किदवईनगर, रहमतनगर और खालापार में पानी की आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने, ईदुल अजहा के दिन कुर्बानी के जानवरों के अवशेष और पशुओं के आवागमन में लोगों को परेशान न किये जाने, उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करने का मुद्दा भी उठाया गया।
इसके साथ ही जमीयत के पदाधिकारी नजर मौहम्मद ने गांव बरला और खेडी सराय के मामलों को उठाते हुए कहा कि बरला में पूर्व में कुर्बानी नहीं होती थी, लेकिन दो दशक से ज्यादा समय से वहां पर कुर्बानी हो रही है। दो साल पूर्व बरला में कुर्बानी के बाद असामाजिक तत्वों की हरकत के कारण माहौल गर्मा गया था।
इसके साथ ही खेड़ी सराय गांव में कुर्बानी नहीं होती, दूसरे गांव में कुर्बानी कर वह लोग वापस लौटते है तो कुतुबपुर नहर पुल से ही आवागमन होता है। यहां पर भी तनाव बना रहता है।
उन्होंने ऐसे प्रकरणों में विशेष ध्यान देने और मिश्रित आबादी वाले शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही मुख्य सड़कों पर स्थित धार्मिक स्थलों पर फोर्स तैनात किये जाने की मांग की है। मीटिंग में शहर की सड़कों पर अतिक्रमण का मुद्दा भी उठाया गया, इसके साथ ही इस बार ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए भी प्रशासन से अनुमति मांगी गयी।
डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने मीटिंग में लोगों को आश्वस्त किया कि बिजली, पानी और सफाई आदि व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क पर या खुले स्थान पर पशुओं की कुर्बानी नही होगी। कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए ही ईदुल अजहा का त्यौहार मनायेंगे।
ईदगाह पर नमाज को लेकर डीएम ने कहा कि अभी इस मामले में कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की गयी। इसके बाद जो भी निर्णय होगा, उसकी जानकारी दी जायेगी। एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि त्यौहार को लेकर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। कहीं पर भी कोई नई परम्परा नहीं डालने दी जायेगी। सुरक्षा के बंदोबस्त सख्त रहेंगे।
भाईचारे और खुशी से त्यौहार मनाने में सभी सहयोग प्रदान करें।मीटिंग में मुख्य रूप से सीडीओ आलोक यादव, एडीएम प्रशासन अमित सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह, सीओ सिटी कुलदीप कुमार, एसडीएम खतौली इन्द्रकांत द्विवेदी, एसडीएम बुढ़ाना अजय अम्बष्ट के अलावा मुफ्ति जुल्फीकार, कारी खालिद जाहिद, महबूब आलम, मुजस्सिम एडवोकेट, सलीम मलिक, नजर मौहम्मद, शानवाज आफताब, सभासद अब्दुल सत्तार मंसूरी, नदीम खान, नौशाद कुरैशी, गय्यूर, कारी हुसैन अहमद, सलीम अहमद, मौलाना ताहिर कासमी, गौहर सिद्दीकी, इकराम कस्सार आदि सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।