कमिश्नर बोले- पवार के पैर में दिक्कत देख दी थी इजाजत, गाड़ियों को ट्रैक तक आने की इजाजत
पुणे के शिवछत्रपति स्पोर्ट्स सिटी में एथलेटिक ट्रैक पर गाड़ियों की पार्किंग बना दी गई। बवाल मचा तो खेल आयुक्त ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के पैरों में दिक्कत थी इस वजह से गाड़ियों को ट्रैक तक आने की इजाजत दी गई।दरअसल, पुणे के शिवछत्रपति स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में करोड़ों रुपये की लागत से एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रैक बनाया गया है।
स्टेडियम के किनारे की दो मंजिला इमारत में प्रतियोगिताओं के दौरान उपयोग के लिए सभागार हैं। खेल विश्वविद्यालय की तैयारी को लेकर शनिवार को भवन में समीक्षा बैठक की गई। इसके लिए पूर्व ओलंपिक अध्यक्ष शरद पवार, खेल मंत्री सुनील केदार, राज्य मंत्री अदिति तटकरे, खेल सचिव, नगर आयुक्त, जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त भी थे। स्टेडियम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि एथलेटिक्स रनवे दूसरी मंजिल के बराबर है। वीआईपीज की सुविधा के लिए सरकारी अधिकारियों ने सभी की गाड़ियों को सीधे एथलेटिक्स के सिंथेटिक रनवे पर लाकर खड़ा करवा दिया।
Despicable that the Athletic track at Shivchhatrapati Sports Complex (Mahalunge-Balewadi) was used as a parking lot for Cars belonging to Sr. MVA Leadership including Ex. IOA President @PawarSpeaks ji, Sports Cabinet Minister @SunilKedar1111 ji and MoS Sports @iAditiTatkare ji https://t.co/8KqWdCqX8V
— Siddharth Shirole (@SidShirole) June 27, 2021
शरद पवार, खेल मंत्री समेत अन्य वीआईपी लिफ्ट लेने की जहमत नहीं उठाना चाहते थे, ऐसे में उनके वाहनों को रनवे पर लाया गया। उन्हें बिना किसी कठिनाई के बैठक कक्ष में जाने की व्यवस्था की गई। उनके साथ आए सभी लोगों के बैठक में आने के बाद वाहन बैठक के खत्म होने तक वहीं सिंथेटिक ट्रैक पर खड़े रहे।
बीजेपी विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने महाराष्ट्र की एमवीए सरकार पर हमला बोला है। शिरोले ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार, खेल मंत्री सुनील केदार समेत अन्य सभी को एथलेटिक्स और देशभर के लोगों से माफी मांगने को कहा है।
उधर, महाराष्ट्र के खेल मंत्रालय का कहना है कि दूसरी मंजिल पर बने ट्रैक में केवल एक गाड़ी को आने की अनुमति दी,गई थी, लेकिन अचानक वहां कई गाड़ियां पहुंच गईं। मंत्रालय ने इसके लिए खेद प्रकट किया है। खेल मंत्रालय का कहना है कि आगे से ध्यान रखा जाएगा कि खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी किसी दूसरे की वजह से न हो।
हालांकि उनके पास उस बात का जवाब नहीं था, जिसमें सरकार ने घोषणा की थी कि स्टेडियम का उपयोग खेल के अलावा किसी अन्य मकसद के लिए नहीं किया जाएगा। खेल मंत्री ने इसे खुद ही अनदेखा किया।