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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चिन्हित बच्चों के घर-घर जाकर उनके लिए डाइट चार्ट तैयार करें

मुजफ्फरनगर। जनपद में संभव-पोषण संवर्धन की ओर एक कदम् अभियान का आगाज हो चुका है। एक जुलाई से अभियान के तहत जिले के जानसठ, मोरना, शाहपुर, बुढ़ाना, पुरकाजी, बघरा, चरथावल, खतौली, सदर ब्लॉक में प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक जुलाई से अभियान शुरू किया गया। इस अभियान का उद्देश्य चिन्हित गंभीर अति कुपोषित (सैम) व अति कुपोषित (मैम) बच्चों के साथ ही उनकी माताओं के स्वास्थ्य प्रबंधन पर जोर देना है।

तीन महीने तक चलने वाले इस अभियान का संचालन तीन थीम पर किया जाएगा। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने इसका खाका तैयार किया है जिसके अनुरूप तीन महीनों तक चलने वाले इस अभियान पर काम किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया अभियान को शुरू करने से पहले कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए एक से पांच वर्ष की आयु वाले बच्चों का बेसलाइन सर्वे कराया गया। इसमें उनका वजन कराया गया, जिसके आधार पर उनको सैम व मैम बच्चों के तौर पर चिन्हित किया गया है।

इसके लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक-एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को एक प्रारूप उपलब्ध कराया गया था। इसी प्रारूप पर चिन्हित बच्चों का विवरण दर्ज कर निदेशालय को उपलब्ध कराया गया।

तीन थीम के आधार पर चलेगा अभियान

तीन महीनों तक चलने वाले इस अभियान में तीन थीम तैयार की गई हैं। पहले महीने मातृ पोषण, दूसरे महीने बाल पोषण और तीसरे महीने की प्रथम हजार दिवस थीम होगी। हालांकि थीम के अलावा पोषण प्रबंधन से संबंधित अन्य गतिविधियां भी जारी रहेंगी।

यानि इस थीम के दौरान कुपोषित बच्चों और उनकी माताओं को एक हजार दिन तक पोषाहार रेसिपी, वजन की निगरानी, चौरंगी भोजन और अनुपूरक पोषाहार आदि के सेवन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

अभियान की गतिविधियां

१. सैम व मैम से प्रभावित बच्चों के अभिभावकों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एकत्र करके पोषण के बारे में जानकारी देना।
२. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चिन्हित बच्चों के घर-घर जाकर उनके लिए डाइट चार्ट तैयार करेंगी और पोषण का प्रबंध सुनिश्चित करेंगी।
३. स्वास्थ्य विभाग की मदद से कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना।
४. बच्चों का समय से टीकाकरण कराना तथा अभिभावकों को जागरूक करना।
५. डाइट चार्ट के मुताबिक घर पर बच्चों और माताओं को भोजन कराने का सुझाव देना।
६. पौष्टिकता बढ़ाने के लिए भोजन में तेल, घी, मूंगफली का चूरा, सोयाबीन बड़ी व मौसमी सब्जियों का इस्तेमाल करने की जानकारी देना।

अभियान का उद्देश्य
पोषण संवर्धन की ओर एक कदम के नाम चलाए जाने वाले इस अभियान में चिन्हित सैम व मैम बच्चों के साथ ही उनकी माताओं के स्वास्थ्य प्रबंधन पर जोर देना होगा। तीन महीने तक चलने वाले इस अभियान को संचालन तीन थीम पर किया जाएगा।

News Desk

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