दिल से

एक्टर-कॉमेडियन Vir Das की वजह से देश शर्मसार…

एक बार फिर वीर दास (Vir Das) नाम के एक एक्टर-कॉमेडियन की वजह से देश शर्मसार हो रहा है। आखिर क्यों ऐसा होता है कि सस्ती लोकप्रियता के लिए लोग अपने देश को बदनाम करने तक से पीछे नहीं हटते और ऐसा देखा गया है कि देश के टुकड़े कराने वाले, देश को बदनाम करने वाले, जितनी तेजी से प्रसिद्ध हो जाते हैं, उतनी तेज से शायद देश के हित में काम करने वाले नहीं होते?

शायद यह भी एक वजह है कि लोकप्रियता पाने के लिए लोग देश की बुराई या देश को बांटने या देश को बदनाम करने से पीछे नहीं हटते। वीर दास के प्रकरण में बॉलीवुड की महिलाएं तक भागों में बट गई है, जहां कंगना रनौत खिलाफ खड़ी नजर आ रही है वही तापसी पन्नू, रिचा चड्ढा आदि कुछ हीरोइन वीर दास के समर्थन में खड़े नजर आ रही है।

ठीक है माना कि कुछ हद तक वीर दास की बात ठीक है लेकिन वह कुछ मुट्ठी भर लोग हैं और ऐसे मुट्ठी भर लोग हर देश और समाज में होते हैं, लेकिन क्या यह सही है कि आप उन चंद मुट्ठी भर लोगों के लिए पूरे देश को ही उस कटघरे में खड़ा कर दें, क्या चंद लोगों के लिए 135 करोड़ लोगों को कटघरे में करना उचित है।

दूसरे देश में जब जाकर आप अपना स्टैंड अप कॉमेडियन कर रहे हैं, स्पीच दे रहे हैं या कुछ भी कर रहे हैं, इंटरनेशनल लेवल पर आप जा रहे हैं तो क्या देश में आपको कुछ ऐसा नहीं दिखाई देता जो अच्छा है, पॉजिटिव है, आप क्यों बार-बार केवल और केवल देश की नेगेटिव चीजों को ही उजागर करते हैं?

क्या पूरे देश में कहीं कुछ पॉजिटिव हो ही नहीं रहा है? क्या ऐसा कोई देश में है ही नहीं जो अच्छे काम कर रहा है? आप क्यों उसको नहीं दिखाते हैं? सीधा-सीधा दिखाता है कि देश आज उस कंडीशन में पहुंच चुका है जहां अगर आपको सस्ती लोकप्रियता पानी है तो आप देश के खिलाफ जितना बोलोगे उतना आपको जल्दी प्रसिद्धि मिलेगी।

कन्हैया कुमार का उदाहरण सभी को याद है। कन्हैया कुमार को कोई नहीं जानता था लेकिन जहां उसने जेएनयू में देश के खिलाफ नारे लगाए, देश को बांटने वाले नारे लगाए तुरंत रातों-रात वह इंटरनेशनल लेवल पर छा गया।इतना ज्यादा प्रसिद्ध हो गया कि एक राष्ट्रीय पार्टी तक ने उस को टिकट दे दिया।

जहां वह एक छोटा छात्र नेता था वही उसको एक देश का बड़ा नेता बना दिया गया। आखिर कब तक ऐसा चलेगा? क्यों देश में नफरत फैलाई जा रही है? क्यों देश में जो अच्छी चीजें हो रही है उनको नहीं उजागर किया जा रहा?

यह समय है चिंतन करने का क्योंकि इन सब चीजों से न सिर्फ इंटरनेशनल लेवल पर देश की छवि खराब होती है बल्कि कहीं ना कहीं आंतरिक रूप से भी देश में अशांति का माहौल होता है और सबसे ज्यादा प्रभाव युवा पीढ़ी पर भी पड़ता दिखाई देता है।

 हम असहिष्णु और पाखंडी हैं: Washington DC  में Vir Das के वीडियो पर बढ़ा बवाल

Shashank Goel

शशांक गोयल एक अनुभवी मैकेनिकल ऑडिटर हैं, जो एक प्रमाणित लाइफ कोच, मोटिवेशनल स्पीकर, करियर काउंसलर, गाइड और मेंटर के रूप में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि रखने वाले शशांक एक संवेदनशील कवि, रचनात्मक कंटेंट राइटर और लोकप्रिय ब्लॉगर भी हैं। उनकी कविताएं, लेख और प्रेरक विचार प्रबुद्ध पाठकों और युवा वर्ग के बीच विशेष रूप से सराहे जाते हैं।

Shashank Goel has 19 posts and counting. See all posts by Shashank Goel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen + eight =