587 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: Karvy Stock Broking’s के सी. पार्थसारथी अरेस्ट
कार्वी ग्रुप के प्रोमोटर्स में से एक को इंडसइंड बैंक से लिया गया कर्ज न चुकाने के आरोपों पर गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। संयुक्त पुलिस आयुक्त (जासूसी विभाग) अविनाश मोहंती ने कहा कि सी. पार्थसारथी को 2019 में इंडसइंड बैंक से लिए गए कर्ज को न चुकाने और फंड को किसी दूसरे बैंक को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एचडीएफसी बैंक ने भी उनके खिलाफ दो ऐसे ही मामले दर्ज कराए हैं। दो बैंकों से कुल 587 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में यह गिरफ्तारी की गई है।
अधिकारी ने बताया कि बैंकों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि पार्थसारथी के कार्वी समूह ने गैरकानूनी तरीके से अपने ग्राहकों के शेयर गिरवी रखे और कर्ज लिया। कर्ज राशि को दूसरी कंपनियों को दिया गया और कर्ज का भुगतान नहीं किया। एचडीएफसी बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कार्वी ने कुल मिलाकर 350 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जबकि इंडसइंड बैंक से 237 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
नवंबर 2020 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने Karvy Stock Broking’sको डिफॉल्टर घोषित किया और उसकी सदस्यता भी रद्द कर दी। इससे पहले नेशनल स्टॉफ एक्सचेंज ने भी ऐसी ही कार्रवाई की थी।
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बताया कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक संघ के साथ 3,316 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में पिछले हफ्ते हैदराबाद की एक कंपनी के प्रबंधक निदेशक (एमडी) को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने बताया कि पृथ्वी इंफोरमेशन सॉल्यूशन लिमिटेड (पीआईएसएल) के प्रबंध निदेशक वुप्पलपति सतीश कुमार को 12 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने बाद में उन्हें एजेंसी की 10 दिनों की हिरासत में भेज दिया।
यह मामले में दूसरी गिरफ्तारी है। ईडी ने इस महीने की शुरुआत में शहर की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी वीएमसीएसएल की प्रबंध निदेशक और “मुख्य आरोपी” वी हिमा बिंदू को हिरासत में लिया था जो सतीश की बहन हैं।
ईडी ने यहां जारी एक बयान में बताया, “वी सतीश कुमार ने दावा किया कि उनका वीएमसीएसएल की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) से कोई संबंध नहीं है, लेकिन 20 जुलाई को उनके आवास की ली गई तलाशी के दौरान इस कंपनी की 40 से अधिक हार्ड डिस्क बरामद की गईं।”