बेटी बचाओ बेटी पढाओं तथा महिलाओं के मौलिक व विधिक अधिकार ‘‘ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन
सचिव/सिविल जज(सी0डि0) श्रीमती सलोनी रस्तोगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार श्री राजीव शर्मा, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर के कुशल निर्देशन में जिला प्रोबेशन अधिकारी के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर की ओर से प्राथमिक विद्यालय ग्राम दतियाना में ‘‘ बेटी बचाओ बेटी पढाओं तथा महिलाओं के मौलिक व विधिक अधिकार ‘‘ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया
जिसमें श्रीमती सलोनी रस्तोगी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर, के द्वारा उपस्थित समस्त आम जनमानस को बताया गया कि देश के विकास में सभी क्षेत्रों में लडकियों का योगदान लडको से किसी भी प्रकार से कम नही है
सभी लोगो को अपनी अपनी लडकियों को लडकों के समान ही शिक्षा उपलब्ध करानी चाहिए, संविधान महिलाओ व पुरूषों में कोई भेद भाव नही करता है।
उनके द्वारा भारतीय सविधान में महिलाओ/ लडकियों को प्राप्त मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध मे विस्तार से बताया गया तथा यह भी बताया गया कि हमारे संविधान में पुरूषो के समान ही महिलाओं को भी अधिकार प्राप्त है
बालिकाओ के कल्याण व सुरक्षा के सम्बन्ध में अनेक अधिनियम बनाये गये है जैसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354, 354ए, 354बी, 354सी, 376, 376ए, 376बी, 376 सी, 376 डी, 498ए, 304बी, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005, यौन हिंसा से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 आदि परन्तु बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है परिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, सभी स्तरों पर प्रयास किया जाए।
बालिकाओं के स्वास्थय, शिक्षा, आत्म रक्षा, सामाजिक सोच व विचारधारा, बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण आदि विषयों पर कार्य करने की आवश्यकता है।
सभी लोग अपनी बच्चियों को समय दे जिससे वे भावनात्मक रूप से सशक्त हो तथा अपराध का शिकार न हो सकें, महिलाओं के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इस अवसर पर बालिकाओं को किताबे, नवजात बालिकाओं को बेबी किट का वितरण किया गया। प्राथमिक विद्यालय दतियाना में एक गुडडा, गुडडी बोर्ड की स्ािापना की गयी जिसमें गाॅव में जन्म लेने वाले लडके व लडकियों की संख्या अंकित होगी जिससे अद्यतन लिगानुपात का पता लग सकें। वृक्षारोपण का कार्य भी किया गया।
इस अवसर पर सुश्री विजय लक्ष्मी यादव, अपर सिविल जज जू0डि0/एफ0टी0सी0 न्यायालय संख्या-1 , द्वारा बताया गया कि महिलाओं के सम्पत्ति सम्बन्धी अधिकारों के सम्बन्ध में बताया कि हिन्दु उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत महिलाओं को सम्पत्ति सम्बन्धी अधिकार प्राप्त है जिसमें वर्ष 2005 में संशोधन किया गया है
जिसके उपरान्त लडकियों /महिलाओ को पुरूष के समान ही पैत्रक सम्पत्ति मे अधिकार प्राप्त है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी हाल ही में निर्णय दिया गया है
कि बेटी हमेशा बेटी रहती है भले ही बेटी की शादी हो गयी हो। महिलाओं को कानून द्वारा अनेको अधिकार दिये गये है लेकिन जागरूकता की कमी है महिलाओं को जागरूक करने का कार्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है यदि कोई महिला मुकदमें की पैरवी आर्थिक स्थिति के कारण करने में असमर्थ है
तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देने पर निः शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा तथा शिविर में उपस्थित आम जनमानस को संविधान में दिये गये मौलिक कर्तव्यों व कोविड -19 करोना वायरस के बारे मे जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।
श्री मुश्तफेकीम, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रीमती बीना शर्मा, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड,नीना त्यागी, संरक्षण अधिकारी, शिवांगी, महिला कल्णाण अधिकारी, डा0 गौरव श्रीवास्तव, एम0ओ0, श्री राजेश कुमार, ओ0पी0टी0, आदि शिविर में उपस्थित रहें।