Muzaffarnagar News- जो वृद्धजनों को अपमानित करता है, वह पाप का भागी होता हैः आचार्य गुरुदत्त आर्य
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)। वैदिक संस्कार चेतना अभियान संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि माता-पिता की सेवा ईश्वर भक्ति है। जो वृद्धजनों को अपमानित करता है, वो पाप का भागी बनता है। उन्होंने प्रेरित किया कि सभी अपने वर्ग जनों का सम्मान करते हुए उनका सेवा सत्कार करें।
आर्य महिला वृद्धाश्रम शुकतीर्थ में आयोजित वार्षिकोत्सव में पधारे आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि माता-पिता के त्याग, पुरुषार्थ और आशीर्वाद से परिवार बनते हैं। जब भी संतान पर कोई विपत्ति आती है, अभिभावक सबसे बड़ा सहारा बनते हैं। वृद्धावस्था में माता-पिता से स्नेह और शिष्टता का व्यवहार करें। उन्हीं की सेवा और चरणों में तीर्थ दर्शन है। सदाचरण के बिना धर्म निरर्थक है।
अपने कैरियर और पैसे को इतना महत्व मत दीजिये, जिससे माता-पिता वृद्धाश्रमों में जीवन काटने को विवश हो जायें।आचार्य गुरुदत्त आर्य ने नई पीढ़ी से आह्वान किया कि वह संस्कारों का न भूलें। परंपराओं का पालन करें और संस्कृति की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति अमूल्य है। जिससे हमें जीवन और मरण दोनों संस्कार की शिक्षा मिलती है। आचार्य ने वृद्धाश्रम संचालिका साध्वी कांता देवी के प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्हें शॉल और सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया। भजनोपदेशक राजवीर आर्य ने देशभक्ति भजन प्रस्तुत किये। स्वामी आंनदवेश, स्वामी भजनानंद, जनेश्वर प्रसाद आर्य, मंगत सिंह आर्य, सुधीर कुमार, श्री कृष्ण आर्य, हरवीर आर्य, सुषमा, संध्या, ममता, सूरजवती और डॉ शीला डागा आदि मौजूद रही। यजमान जितेंद्र आर्य रहे।