संपादकीय विशेष

लॉकडाउन में सुधर रहा प्रदूषण, सुहानी हो गई आबोहवा….

मुजफ्फरनगर। लॉकडाउन से जहां कामकाज बंद होने से लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने की चिता हर किसी को है। वहीं प्रदूषण का ग्राफ उम्मीद से नीचे तक आने से सुधर रही आबोहवा राहत की सांस भी देती है। सामान्य दिनों में बहुत अधिक खराब स्थिति में पहुंचा प्रदूषण का ग्राफ इन दिनों काफी नीचे गिर आया है

जो अब संतुलित स्थिति में आकर स्वस्थ्य के लिए लाभकारी माना जाने लगा है। प्रदूषण का ग्राफ गिरने से मौसम में भी परिवर्तण देखने को मिला है, जो शाम होते ही ठंडी हवा का अहसास कराता है।

एनसीआर में शामिल मुजफ्फरनगर में औद्योगिक इकाईयों और वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण आबोहवा को जहरीला बना चुका था। जनपद में एक समय ऐसा भी आ गया था, जहां प्रदूषण का ग्राफ बहुत खराब स्थिति में पहुंचा गया था। यहीं कारण है कि दीपावली पर पटाखों की आतिशबाजी से पहले ही क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कई औद्योगिक इकाईयों पर कार्रवाई कर मोटा जुर्माना लगा पड़ा, लेकिन गत वर्ष लाकडाउन में हालत सुधरे दिखाई दिए थे

जो फिर से दीपावली पर खराब हो गए थे। शहरी क्षेत्र के नई मंडी और तहसील पर प्रदूषण जांच के लिए लगी मशीनों में दर्ज किया गया एयर क्वालीटी इंडेक्स (एक्यूआई) ३५० तक पहुंच गया था, जो हवा में प्रदूषण के कण बढ़ने पर स्वास्थ्य की समस्या पैदा करने के संकेत देकर चिता बढ़ाता है।

अप्रैल में लाकडाउन लगने के बाद वाहनों की आवाजाही और औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ कम होने पर जनपद को राहत मिलनी शुरू हो गई है। मई महीने में एक्यूआई ९८ तक पहुंच गया था, जो संतुष्ट वाली श्रेणी को दर्शाता है, हालाकि कि ९८ केवल शुक्रवार यानी ईद के दिन दर्ज हुआ है।

इसके अलावा १०० से १५० के बीच हिलोरे ले रहा है, जो संतुलित श्रेणी में रूकने पर संतुष्ट करता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जेई विपुल कुमार ने बताया कि मई में प्रदूषण का ग्राफ काफी घटा है, जिसका कारण लाकडाउन है।

प्रदूषण घटने से हवा हुई बेहतर-लाकडाउन में प्रदूषण घटने से हवा में प्रदूषण के कणों की मिलावट बहुत कम हो गई है। उधर इस वक्त शाम के समय मौसम सुहाना होने के साथ हवा भी ठंडी हो रही है। चिकित्सकों की माने तो इस समय सुबह और शाम को हवा लेने से भी लोगों को अधिक लाभ मिल रहा है

लेकिन कोरोना के कारण भीड़ वाले स्थान पर मास्क हटाकर हवा को महसूस करने की गतली न करें। तभी हवा का आंनद ले, जब मनुष्य बिलकुल अकेला हो, जहां मास्क हटाकर आधे घंटे तक हवा ले सके।

Dr. Sanjay Kumar Agarwal

डॉ. एस.के. अग्रवाल न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर हैं। वह मीडिया योजना, समाचार प्रचार और समन्वय सहित समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। उन्हें मीडिया, पत्रकारिता और इवेंट-मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में लगभग 3.5 दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े हुए हैं। संपर्क ई.मेल- [email protected]

Dr. Sanjay Kumar Agarwal has 289 posts and counting. See all posts by Dr. Sanjay Kumar Agarwal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × one =