दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधान निलंबित
सरकार ने कॉरपोरेट जगत को बड़ी राहत देते हुए दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधानों को निलंबित कर दिया है। इन कानूनों के तहत होने वाली कार्रवाई में लॉकडाउन के दिनों को नहीं गिना जाएगा।
IBC की धारा 7, 9 और 10 को छह महीने के लिए निलंबित किया जाएगा और निलंबन का समय एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। समय बढ़ाने के संबंध में प्रावधान को अध्यादेश का हिस्सा बनाया जाएगा। आर्थिक स्थिति आगे बढ़ने के आधार पर इन प्रावधानों के निलंबन को एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।
इस संबंध में सरकार ने शुक्रवार को दो अधिसूचना जारी की हैं। हालांकि अधिसूचना में लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख का उल्लेख नहीं है।
जानकारी के अनुसार, पहली अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि के दौरान कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कोई भी गतिविधि जो इस दौरान पूरी नहीं हो सकती है, उसे इस प्रक्रिया की टाइम-लाइन में नहीं गिना जाएगा।
CBIC is committed to help GST Taxpayers/Exim Trade during #COVID19. Expeditious sanction of refunds during Special Refund Drive provide relief to trade, especially MSMEs.
107492 GST & IGST Refund Claims – Rs. 9818.12 crs
186342 Customs Refunds / Drawback Claims – Rs 915.56 crs pic.twitter.com/0GLUoNyl2J— CBIC (@cbic_india) April 25, 2020
दूसरी अधिसूचना में भी लॉकडाउन की अवधि को गणना से बाहर किया गया है। इसमें कहा गया है कि परिसमापन (लिक्वीडिशन) प्रक्रिया के तहत आने वाली गतिविधि जो लॉकडाउन के दौरान पूरी नहीं हो सकती है, उसे इस प्रक्रिया की टाइम-लाइन में गणना से बाहर रखा गया है।