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PM Kisan Maandhan योजनान्तर्गत 60 वर्ष की आयु के बाद अंशदान करने वाले किसानों को देगी रूपये 300 मासिक पेंशन

भारत सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  ने किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई है, इसी परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM Kisan Maandhan) संचालित है, जिसके तहत ६० साल की उम्र के बाद किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान है। प्रदेश में संचालित इस योजना के अन्तर्गत १८ साल से ४० साल तक की उम्र का कोई भी किसान लाभ ले सकता है

जिसे उम्र के हिसाब से मासिक अंशदान करने पर ६० वर्ष की उम्र के बाद ३००० रूपये मासिक या ३६००० रूपये सालाना पेंशन मिलेगी। इसके लिए अंशदान ५५ रूपये से २०० रूपये तक मासिक है। अब तक इस योजना से लाखों किसान जुड़ चुके हैं। इस पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम  द्वारा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के अन्तर्गत १८ से ४० वर्ष तक की आयु के छोटी जोत वाले लघु एवं सीमान्त किसान हिस्सा ले सकते हैं, जिनके पास २ हेक्टेयर तक ही खेती की जमीन है। इस योजना के तहत कम से कम २० साल और अधिकतम ४० साल तक ५५ रूपये से २०० रूपये तक मासिक अंशदान करना होगा, जो उनकी उम्र पर निर्भर है।

अगर १८ साल की उम्र में किसान जुड़ते हैं तो मासिक अंशदान ५५ रूपये या सालाना ६६० रूपये होगा, वहीं अगर ४० की उम्र में जुड़ते हैं तो २०० रूपये महीना या २४०० रूपये सालाना योगदान करना होगा।पीएम किसान मानधन योजनान्तर्गत जितना योगदान किसान का होगा, उसी धनराशि के बराबर योगदान सरकार भी पीएम किसान अकाउंट में करती है।

यानी अगर किसान का योगदान ५५ रूपये है तो सरकार भी ५५ रूपये का योगदान करेगी। अगर कोई किसान बीच में स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा, उसके स्कीम छोड़ने तक जो पैसे जमा किये होंगे, उस पर बैंकों के सेविंग अकाउंट के बराबर का ब्याज मिलेगा। अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी को ५० फीसदी रकम मिलती रहेगी।

पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को कॉमन सर्विस सेंटर (ब्ैब्) पर जाकर अपना रजिस्टेऊेशन करवाना होगा, रजिस्टेऊशन के लिए आधार कार्ड और खसरा-खतौनी की नकल ले जानी होगी। रजिस्टेऊशन के लिए २ फोटो और बैंक की पासबुक की भी जरूरत होगी। रजिस्टेऊशन के लिए किसान को अलग से कोई भी फीस नहीं देनी होगी, रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान का किसान पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बनाया जाता है।

नेशनल पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (म्ैप्ब्) स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (म्च्थ्व्) जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में शामिल लघु और सीमांत किसान, ऐसे किसान जिन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है, या ऐसे किसान जिन्होंने श्रम और और रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है। ऐसे किसानों को इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान मानधन (पी०एम०-के०एम०वाई०) योजना के तहत वर्ष २०१९-२० में प्रदेश के लघु एवुं सीमान्त कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रूप से पुरूष व महिला दोनों के लिए ६० वर्ष की आयु प्राप्त करने पर रू० ३००० प्रति माह की यह सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना लागू की है।

यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है। योजनान्तर्गत दिनांक १६.११.२०२१ तक २५२२५६ लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है, जिसमें पुरूष ७४.०० प्रतिशत एवं महिला २६.०० प्रतिशत हैं। इस योजना में १८-२५ आयु वर्ग के २३.६० प्रतिशत, २६-३५ आयु वर्ग के ४९.९० प्रतिशत तथा ३६-४० आयु वर्ग के २६.४० प्रतिशत लाभार्थी हैं।

वर्ष २०१५-१६ की कृषि गणना के अनुसार प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों की संख्या २२१.१० लाख (९२.८० प्रतिशत) है। किसानों की हितकारी प्रदेश सरकार किसानों को बुढ़ापे में पेंशन देकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मुहैया करा रही है।

News Desk

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