नागरिकों से Ukraine छोड़ने की अपील, जल्द ही आक्रमण कर सकता है रूस- America
रूस की ओर से Ukraine पर आक्रमण करने के डर से अब कई देश अपने नागरिकों को यूक्रेन से जाने की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही कई देश अपने डिप्लोमेटिक स्टाफ (Diplomatic Staff) को भी वहां से वापस बुला रहे हैं
कुछ देश अपने नागरिकों (Citizens) के लिए यूक्रेन (Ukraine) की यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं. अमेरिका (America) को डर है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर आक्रमण कर सकता है.Ukraine संकट धीरे-धीरे काफी गहराता जा रहा है और इसका असर दुनिया के कई देशों पर पड़ रहा है.
अभी हाल ही में अमेरिका ने ये आशंका जताई थी कि बीजिंग ओलंपिक खत्म होने से पहले ही रूस यूक्रेन पर हमला बोल सकता है. अमेरिका पहले ही अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का आग्रह कर चुका है.
नागरिकों से Ukraine छोड़ने की अपील
अमेरिका के अलावा कई और देशों की सरकारें अपने नागरिकों से Ukraine छोड़ने की अपील कर रही है. जिन देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का आह्वान किया है, उनमें जर्मनी (Germany), इटली, ब्रिटेन (Britain), आयरलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, कनाडा, नॉर्वे, एस्टोनिया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इजराइल शामिल हैं. इसके साथ ही सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकलने का आग्रह किया है.
फ्रांस ने अपने नागरिकों से यूUkraine छोड़ने के लिए तो नहीं कहा है लेकिन उत्तरी और पूर्वी यूक्रेन के सीमावर्ती क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी है. इसके साथ ही रोमानिया, जो यूक्रेन की सीमा के पास है ने अपने नागरिकों को देश की यात्रा से बचने को कहा है. साथ ही अपने नागरिकों को वहां रहने की जरूरत पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है.
उकसावे का डर
रूस ने अपने कुछ राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाते हुए कहा है कि उसे ‘उकसावे’ का डर है. अमेरिका ने कीव (Kyiv) में अपने अधिकांश राजनयिक कर्मचारियों को प्रस्थान करने का आदेश दिया है. अमेरिका का मानना है कि रूस किसी भी वक्त Ukraine पर हमला कर सकता है.
Ukraine संकट को देखते हुए कनाडा अस्थायी रूप से कीव में अपने दूतावास (Embassy) को बंद कर रहा है, राजनयिक संचालन को Lviv में स्थानांतरित कर रहा है. यूरोपीय संघ के निकायों ने कीव में गैर-जरूरी राजनयिक कर्मियों को देश छोड़ने और विदेशों से दूरसंचार करने की सिफारिश की.
रोमानिया ने कीव में अपने दूतावास से गैर-जरूरी कर्मियों को वापस बुला लिया है. वहीं इजराइल ने दूतावास के राजनयिकों और कर्मचारियों के परिवारों को वहां से निकाला है.
किसी खेमे में शामिल नहीं होगा पाकिस्तान-Imran Khan
रूस और अमेरिका के मध्य बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने रविवार को कहा कि वैश्विक राजनीति (Global Politics) में उनका देश किसी खेमे में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उनकी नीति ‘हर देश से रिश्ते बनाए रखने’ की रही है. इमरान खान ने पत्रकारों, पूर्व राजनयिकों और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों से बातचीत में कहा कि हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचना चाहते, जिससे ऐसा लगे कि हम किसी खास खेमे का हिस्सा हैं.
Imran Khan ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान किसी अन्य देश की तुलना में चीन की (China) ओर ज्यादा प्रभावित है. उन्होंने कहा कि देश की नीति है, ‘‘हर देश के साथ संबंध बनाये रखना. एक सवाल के जवाब इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना का रावलपिंडी स्थित मुख्यालय भी इस देश की नीति को लेकर स्पष्ट है.
पाकिस्तान की सेना ने देश की आजादी के 74 साल में से आधे समय तक राज किया. ऐसा पहली बार नहीं है जब खान ने कहा है कि वह नये शीतयुद्ध की स्थिति में अमेरिका और चीन का अनुसरण नहीं करेंगे.
यूक्रेन संकट को लेकर रूस (Russia) और अमेरिका (US) के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है. इस बीच रूस के एक पनडुब्बी रोधी विध्वंसक (anti-submarine destroyer) ने कुरील द्वीप समूह (Kuril Islands) के पास एक अमेरिकी पनडुब्बी (US Submarine) का पीछा किया, जिससे उसे देश के क्षेत्रीय जल (territorial waters) को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. मॉस्को ने शनिवार को यूक्रेन पर बढ़ते तनाव के बीच यह दावा किया. हालांकि अमेरिकी सेना ने इस बात से इनकार किया है.
क्या कहा रूस ने?
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि योजनाबद्ध सैन्य अभ्यास के दौरान मार्शल शापोशनिकोव विध्वंसक (Marshal Shaposhnikov destroyer) को उत्तरी प्रशांत में कुरील द्वीप समूह के पास रूसी समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बी (US Navy Virginia-class submarine) का पता लगा.
मंत्रालय ने और विवरण प्रदान किए बिना कहा कि अमेरिकी पनडुब्बी ने जब सतह पर आने की बात को नजरअंदाज कर दिया, तो फ्रिगेट चालक दल ने “उचित साधनों का इस्तेमाल किया” और अमेरिकी पनडुब्बी पूरी गति से वापस चली गई. मंत्रालय ने कहा कि उसने इस घटना को लेकर मॉस्को में अमेरिकी डिफेंस अटैचे को तलब किया है.
अमेरिकी सेना के बयान में कहा गया है, “रूस के समुद्री इलाके में हमारे अभियानों के रूसी दावों में कोई सच्चाई नहीं है.” यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रवक्ता कैप्टन काइल रेनेस ने कहा कि वह अमेरिकी पनडुब्बियों के सटीक लोकेशन पर टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन उन्होंने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय जल में सुरक्षित रूप से चलते हैं और सुरक्षित रूप से काम करते हैं.”