गन्ना सर्वेक्षण में गडबडी मिलने पर होगी गैंगस्टर की कार्यवाही
मुजफ्फरनगर| अपने दम और रसूख की धौंस दिखाकर फर्जी गन्ना पर्ची जारी कराने वालों के बिछाये जाल पर जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कड़ा प्रहार करते हुए जिलाधिकारी ने इसे गन्ना क्षेत्र में माफियागिरी की संज्ञा दी है। गन्ना माफियाओं का सहयोगी बनने वाले विभागीय कर्मचारियों को इस मकड़जाल में न घुसने का आज कड़ा संदेश जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने दिया।
जिलाधिकारी अजय श्ंाकर पाण्डेय आज एसडी डिग्री कालेज सभागार में संयुक्त गन्ना सर्वेक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों मे कहा कि ऐसा कोई कार्य न करें जिससे किसानों के हितो का नुकसान हो और उन्हे परेशानी हो। उन्होने कहा कि अगर सर्वेक्षण में कोई लापरवाही हुई जिससे किसानों केा परेशानी का सामना करना पडा सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी पर कडा प्रहार होगा। उन्होने कहा कि अगर कही गडबडी पाई गई तो गिरोहबन्द अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी। इस बात केा भली भांति सभी समझ ले। उन्होने कहा कि गन्ना पर्ची केा माफिया मुक्त करने की शुरूआत आने वाले सत्र से होगी। आने वाले सत्र को पूर्णतया गन्ना माफिया मुक्त कराया जायेगा। उन्होने कहा कि गन्ना आपूर्ति हेतु पर्ची निगर्मन व्यवस्था उनके निशाने पर है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों केा सर्वेक्षण के समय गन्ना पर्यवेक्षक को घोषण पत्र के साथ खतौनी की नकल भी उपलब्ध करानी होगी। उन्होने किसानों से अपील करते हुए कहा कि गन्ना सर्वेक्षण के समय अपने अपने खेत पर उपस्थित रहे ताकि सही सर्वेक्षण किया जा सके।
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गन्ना माफियाओं पर वार, सर्वेक्षण में गडबडी हुई तो जायंेगे जेल——जिलाधिकारी
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जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग की टीम अलग से सर्वेक्षण करेगी जिसमें कितनी गन्ने की बुआई हुई है, कितना रकबा आदि चैकलिस्ट पर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होने कहा कि अगर गन्ना विभाग की रिपोर्ट और राजस्व विभाग द्वारा कराई गई जांच/सर्वेक्षण मे ंअन्तर मिला तो टीम गठित कर जांच कराई जायेगी। जांच में दोषी पाये जाने पर सम्बन्धितों के विरूद्व गिरोह बन्द अधिनियम की धाराओं मे गैगस्टर तक की कार्यवाही प्रचलित कर दी जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि गन्ना सर्वेक्षण कार्य व्यक्तिगत रूप से नही होता इसके जो भी अधिकारी, कर्मचारी, पर्यवेक्षण अधिकारी सम्मिलित पाये जायेगे उन पर गैगस्टर की कार्यवाही कर दी जायेगी। उन्होने कहा कि इस कार्यवाही को करने में कोई संकोच नही करेगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस बात की भी सम्भावना है कि गन्ना विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी किसी के दवाब या व्यक्तिगत लाभ के लिए ऐसा कोई कार्य कर दे जिससे गन्ना सर्वेक्षण कि रिपोर्ट में धांधली की आंशका हो। उन्होने कहा कि इस आशंका का समाप्त करने के लिए समानता वाली गन्ना सर्वेक्षण रिपोर्टो की रैण्डम आधार पर उच्चाधिकारियों द्वारा जांच कराई जायेगी। उन्होने कहा कि जांच में गडबडी मिलने पर दोनो पक्षों की जिम्मेदारी तय कर कडी कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई कार्य न करे जिससे विभाग व स्वय की बदनामी हो। सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण निष्पक्षता, ईमानदारी व बिना किसी दबाव के करे। उनहोने उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि अगर कोई दबाव बनाता है या गलत कार्य करने के लिए कहता है तो तत्काल सूचित करे उसका निराकरण कराया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि गन्ना आपूर्ति हेतु पर्ची निगर्मन व्यवस्था उनके निशाने पर है। गन्ना विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा गन्ने की बोई गई फसल का काश्तकार वार मिलान किया जायेगा। यदि दोनों के सर्वेक्षण में अंतर आता है तो राजस्व निरीक्षक के नेतृत्व में टीम बनाकर अंतर का सत्यापन कराया जायेगा। सत्यापन में गन्ना क्षेत्रफल गलत पाये जाने पर सम्बन्धितों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। इसके पश्चात गन्ना विभाग के सर्वेक्षण व राजस्व विभाग के सर्वेक्षण के उपरांत कानूनगो, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी से सत्यापन कराया जायेगा। जिस स्तर पर भी विसंगतियां पाई जायेंगी, उस विभाग के कर्मचारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि गन्ना सर्वेक्षण शुद्ध होने का परिणाम यह होगा कि कोई भी गन्ना माफिया जोत से अधिक गन्ना पर्ची जारी कराके मुनाफा नहीं कमा सकेगा और असल काश्तकार के हक पर चोट नहीं कर पायेगा। इस सत्यापन में भूमिहीन, मृतक एवं डबल सदस्यों की प्रविष्टि का डाटा पूर्ण रूप से समाप्त हो जायेगा। इस अवसर पर चीनी मिलों के प्रबन्धक, डा0 वीरेश सिंह, गन्ना शोध केन्द्र मुजफ्फरनगर, जिला गन्नाधिकारी आर.डी. द्विवेदी, गन्ना पर्यवेक्षक, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षण आदि उपस्थित थे।