फारूक अब्दुल्ला पर ईडी ने कसा शिकंजा, जब्त की 12 करोड़ की संपत्ति
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के 45 करोड़ रुपये के फंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेकां प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्तियां कब्जे में ली हैं।
इसके तहत जम्मू और श्रीनगर में तीन मकान और राज्य में विभिन्न स्थानों पर खरीदी गई जमीन शामिल है। इस कार्रवाई पर फारूक के पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बाबत अब तक उनके पिता को कोई नोटिस नहीं मिला है।
कब्जे में ली गई संपत्तियों में श्रीनगर के गुपकार रोड पर स्थित आवासीय मकान, टंगमर्ग के कटीपोरा तहसील में मकान व जम्मू के बठिंडी स्थित आवास शामिल हैं।
इसके अलावा श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड पर व्यावसायिक कांप्लेक्स भी कब्जे में हैं। इन चार संपत्तियों के अतिरिक्त राज्य के चार स्थानों पर खरीदी गई जमीन को भी कब्जे में लिया गया है।
ईडी ने जांच के दौरान पाया कि गुपकार रोड स्थित आवास तथा रेजीडेंसी रोड स्थित व्यावसायिक कांप्लेक्स राज्य की जमीन पर बना है जो उन्होंने लीज पर ले रखा है।
बठिंडी में भी उन्होंने राज्य तथा वन भूमि पर कब्जा कर मकान का निर्माण किया है। इन संपत्तियों का बाजार मूल्य करीब 70 करोड़ है।
ईडी के अनुसार 2005-2006 से दिसंबर 2011 तक जेकेसीए ने बीसीसीआई से 109.78 करोड़ रुपये प्राप्त किया। 2006 से जनवरी 2012 तक अध्यक्ष रहते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पद का दुरुपयोग किया।
उन्होंने पदाधिकारियों की अवैध नियुक्तियां की और उन्हें वित्तीय अधिकार दिए ताकि जेकेसीए के फंड का दुरुपयोग किया जा सके। जांच से साफ होता है कि डा. फारूक फंड के दुरुपयोग में न केवल सहायक थे बल्कि लाभार्थी भी थे।
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अब्दुल्ला समेत जेकेसीए के कई अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ सितंबर महीने में श्रीनगर की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
ईडी के अनुसार जेकेसीए का बैंक खाता होने के बाद भी छह नए बैंक खाते खोले ताकि इस धनराशि को वहां रखा जा सके। कश्मीर विंग के नाम से निष्क्रिय एक बैंक खाते को भी इसी उद्देश्य से ऑपरेशनल किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि जेकेसीए के 45 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। इसमें बिना किसी पत्र व्यवहार के 25 करोड़ की भारी राशि की निकासी की गई। जांच में यह भी सामने आया कि अपराध करने की दृष्टि से ही जेकेसीए के फंड को विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया। साथ ही गबन के लिए कई व्यक्तिगत खातों में भी इस धनराशि को डाला गया।
ईडी की तरफ से संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई को नेशनल कांफ्रेंस ने बदले की कार्रवाई बताया है। फारूक के बेटे और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, यह कार्रवाई बिल्कुल गलत है
क्योंकि ईडी की तरफ से जब्त की गई ज्यादातर संपत्ति पुश्तैनी और 1970 से पहले की है। इस कार्रवाई के खिलाफ अदालत जाएंगे। नेकां ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है।