मुंहासे को जड़ से कैसे मिटाएं?
मुंहासे को जड़ से कैसे मिटाएं सौंदर्य प्रकृति की तरह सुन्दर और फूलों की तरह कोमल होता है . सच ही कहा जाता है कि चेहरा दिल का सारा हाल बयान कर देता है , लेकिन जब इस सूबसूरत चेहरे पर मुंहासों की फौज हमला कर दे तो खुद ही अपना चेहरा देखने का मन नहीं करता है
छोटी उम्र से लेकर बढ़ती उम्र तक मुँहासों की समस्या से पुरुषों की अपेक्षा महिलाएँ अधिक ग्रस्त रहती है . मुंहासे एक त्वचा रोग है , जो कि सिब्रेसियस ग्रन्थि के अधिक श्राव अथवा बेक्टीरियल संक्रमण के कारण होते हैं
मुँहासे का लम्बे समय तक बना रखना उसके प्रकार पर निर्भर करता है . मुँहासे कई प्रकार के होते हैं , जिनका वर्णन निम्नलिखित है।
लाल मुँहासे_ इस प्रकार के मुँहासे कड़े नोकदार , लाल का ऊंचाई वाले होते हैं
चिकित्सा-
1. बर्बेरिस एक्वीफोलियम Q- इस औषध के मूल अर्क की 10 बूंद प्रतिदिन दो बार देने से युवक – युवतियों के चेहरे की मुँहासे ठीक हो जाती है . 2. रेडियम ब्रोम_ पुरानी कठिन बीमारी में , मलेरिया ज्वर तथा वात – व्याधि के साथ होने वाली फुंसियों में जिसमें खुजली मचती हो तो यह औषध लाभकर है
३ एपिस – त्वचा पर अचानक ही ऐसे लाल रंग के दानों का उभर आना जिनमें असहनीय खुजली , जलन तथा चुभन होती है .
4. सैगुइनेरिया – यह औषधि मुंहासों के लिए बहुत हितकर है .जिन स्त्रियों को रजोधर्म की अनियमितता अथवा ऋतु – साय कम आने के कारण घेहरे पर फुंसियां हो जाती है , उनके लिए विशेष लाभकर है .
पीली मुँहासे__ कुछ पीली मवादयुक्त , पहले अलग – अलग निकल कर बाद में परस्पर जुड़ जाने वाली , आये चन्द्रमा के आकार वाली फुन्सियों को पीली मुंहासे कहते है .
चिकित्सा –
1.बायोला – ट्राई- यह औषध नई बीमारी में हितकर है .
2. एण्टिम टार्ट – यह औषध पुरानी बीमारी में लाभ करती है .
3. साइक्यूटा – यह औषय अत्यधिक जलन के लक्षणों में लाभदायक होता है
4. क्रोटोन टिग – यह डंक मारने जैसी खुजली वाली फुंशियों में हितकर है .
गुलाबी मुँहासे -इस प्रकार के मुँहासे त्वचा पर गुलाब के रंग के उभेद ( दाने ) निकलते है ये दाने के रूप में उत्पन्न होते हैं , इसमें खुजली और जलन होती है
चिकित्सा- 1. एपिस – त्वचा पर जलन उत्पन करने वाली , गुलाबी रंगों की फुंसियों तथा आंखों के नीचे चकते जैसे सूजन के लक्षणों में यह औषध लाभकर है
2. चिलिडोनियम – फुंसियों जैसे मुंहासे जो भूरी तथा सिकुडी हुई हो और उसने खुजली तथा जलन के लक्षणों में यह औषध हितकर है।
३. रोरम ट्राई- विना उभरे हुए गुलाबी रंग के मुंहासों में यह काफी लाभ करता है। होमियोपैथी में इस रोगा की कई तरह की दवाएँ है जिनका कुछ दिनों तक लगातार प्रयोग करने पर मुँहासे हमेशा हमेशा के लिए ठीक हो जाते है , चेहरे पर प्राकृतिक धमक आने लगती है इसके अलावा , शारीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है ।
इसके अलावा होमियोपैथिक दवाएँ इतनी सुरक्षित होती है कि इसका शरीर पर किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं पड़ता . इसके अलावा आप परेलू उपाय भी कर सकते हैं।
घेहरे पर होने वाले दुष्यों का कारण हमारा खान – पान से भी होता है . मुहासे होने का खतरा और ना बन जाय –
1.इसलिए अधिक से अधिक सलाद का प्रयोग करें
2. चेहरे पर ज्यादा क्रिम या कास्मेटिक का इस्तेमाल न करे ज्योकि वह मुंहासों की तकलीफ को और बत्तर बना देता है .
३.चेहरे को दिन में तीन – चार बार साफ पानी से धोए .
4. संतरे के छिलकों को पानी के साथ पीसकर तैयार लेप को मुहासों पर लगाने से मुंहासे सुख जाते है मुंहासों पर ये पपीते का युदो लगाने से लाभ होता है
5-चंदन की लकड़ी को गुलाब जल में घिसकर लेप बना ले , प्रभावित स्थान पर लगाएं . 15-20 मिनट बाद गुनगुने यो.ले.
6. नीबू के रस में बराबर गुलाब जल मिला कर चेहरे पर लगाएं . आधा घंटे बाद ताजे पानी से धो ले . यह प्रक्रिया बीस – पचीस दिनों तक करने से मुंहासे ठीक होने लगते है
7. जायफल को दूध में पीसकर मुंहासों पर लगाने से मुँझायो ठीक हो जाते है
डॉ वेद प्रकाश
नवादा (बिहार)