2008 में वाहन चेकिंग के दौरान सड़क जाम करने के मामले में Abdullah Azam को अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई
Azam Khan सहित आठ आरोपियों के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है. 01 जनवरी 2008 में वाहन चेकिंग के दौरान सड़क जाम करने के मामले आरोपी आजम खान को अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है. अदालत से ही पुलिस ने आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म (Abdullah Azam) को हिरासत में ले लिया है. इस सजा के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी चली गई है.
31 दिसंबर 2007 की रात रामपुर के सीआरपी ग्रुप केंद्र पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले के बाद पुलिस आतंकियों की तलाश में वाहन चेकिंग कर रही थी. इसी क्रम में पुलिस ने 1 जनवरी 2008 को आजम खान की गाड़ी को भी चेकिंग के लिए रोका था. इसी बात से नाराज़ होकर आजम खान ने अन्य सपा नेताओं के साथ सड़क जाम कर दी थी. आजम खान पर थाना छजलैट के आगे हरिद्वार मुरादाबाद स्टेट हाइवे पर जमा लगाने का आरोप था.
इसी मामले में मुरादाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने सड़क जाम करने, बलवा करने, सरकारी कार्य में रुकावट डालने के आरोप में सजा सुनाई है. आज़म खान के अलावा रामपुर की स्वार सीट से सपा विधायक और उनके बेटे Abdullah Azam भी दोषी क़रार किए गए हैं.
अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम क़ुरैशी(अब कांग्रेस में), बिजनौर के सपा नेता नईम उल हसन, सपा नेता डीपी यादव और सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता राजकुमार प्रजापति को अदालत ने बरी कर दिया है.
जनवरी में खान को आपत्तिजनक भाषण से संबंधित एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था और राज्य विधानसभा में एक विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.