फिल्मी चक्कर

‘मेंटल है क्या’ : खुद को स्वीकार करने को प्रेरित करती है फिल्म

कंगना रनौत और राजकुमार राव की फिल्म ‘ मेंटल है क्या’ के निर्माताओं ने कहा कि यह फिल्म मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हुए लोगों के साथ भेदभाव नहीं करती है और न ही इसका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना है.यह प्रतिक्रिया प्रोडक्शन हाउस बालाजी मोशन पिक्चर्स की तरफ से इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी (आईपीएस) की शिकायत के एक दिन बाद आया है. आईपीएस ने फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पास इस फिल्म को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. इस फिल्म का पोस्टर हाल ही में रिलीज हुआ है.सीबीएफसी को लिखे अपने पत्र में कहा है ‘‘हमें फिल्म के शीर्षक पर गंभीर आपत्ति है जिसके जरिए मनोरोग और मनोरोगियों को अपमानजनक, भेदभावपूर्ण और अमानवीय तरीके से दिखाया गया है.’’वहीं प्रोडक्शन हाउस का कहना है कि इस फिल्म का लक्ष्य विशिष्ट चीजों पर ध्यान दिलाना है. उनका कहना है कि यह फिल्म लोगों की अपनी निजी जिंदगी को स्वीकार करने और उसकी विशिष्टता को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करती है.

फिल्म ‘मेंटल है क्या’ के कंटेंट को लेकर ‘इंडियन साइकीऐट्रिक सोसाइटी’ ने फिल्म के कंटेट को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. ‘इंडियन साइकीऐट्रिक सोसाइटी’ ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि कंगना रनौत और राजकुमार राव अभिनीत फिल्म ‘मेंटल है क्या’ के पोस्टर मनोरोग को गलत तरीके से पेश करते हैं. आईपीएस ने सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी को लिखे पत्र में कहा कि उसे ‘‘कई मामलों पर’’ आपत्ति है और एकता कपूर के बालाजी मोशन पिक्चर्स की फिल्म मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून 2017 की कई धाराओं का उल्लंघन करती प्रतीत होती है.पत्र में कहा गया, ‘‘हमें फिल्म के शीर्षक पर गंभीर आपत्ति है जिसके जरिए मनोरोग और मनोरोगियों को अपमानजनक, भेदभावपूर्ण और अमानवीय तरीके से दिखाया गया है.’’ उसने कहा, ‘‘हम फिल्म का शीर्षक तत्काल प्रभाव से बदलने की मांग करते हैं ताकि मानसिक स्वास्थ्य सेवा लेने वालों की गैरत को और नुकसान न पहुंचे.’’

‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के बाद अब दीपिका पादुकोण की संस्था ‘द लिव लव लाफ फाउंडेशन’ ने कंगना रनौत और राजकुमार राव अभिनीति फिल्म ‘मेंटल है क्या?’ के पोस्टर की आलोचना की.दीपिका के फाउंडेशन ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अब हमें दिमागी रूप से बीमार लोगों को लेकर इस प्रकार के शब्दों (मेंटल) का प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए. हमारे देश में लाखों लोग दिमागी बीमारी के चलते इस कलंक का शिकार होते हैं. अब हमें इनके प्रति थोड़ा संजीदा होने की जरूरत है.’आईएमए के साथ इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी (आईपीएस) ने फिल्म निर्माताओं से अपील की है कि फिल्म के शीर्षक को बदले तथा ट्रेलर को वापस लें. आईएमए ने कहा कि टाइटल में जो ‘मेंटल’वहीं, टीएलएलएफ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “अब मानसिक बीमारी से परेशान लोगों के लिए उनके खिलाफ रूढ़ियों को मजबूत करने वाले अपमानजनक शब्दों, चित्रों के उपयोग को बंद करने का समय आ गया है.” नामक शब्द है और जो कहने का अंदाज है, वह मानसिक रोग की परेशानियां झेल रहे लोगों की हंसी उड़ाता है और उनका अपमान करता है.

News Desk

निष्पक्ष NEWS,जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 6029 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

17 + 19 =