Meerut News: जो काम जिंदगी में पूरा करने का लक्ष्य दिया जाएगा, उसे हमेशा उसे अवधि में पूरा करें- Governor Anandiben Patel
Meerut News: Chaudhary Charan Singh University के 33 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल(Governor Anandiben Patel) ने दीक्षा समारोह में पदक पाने वाली छात्राओं की संख्या अधिक होने पर कहा कि छात्र-छात्राओं के बीच मेडल पाने में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, लेकिन छात्र तो बहुत पीछे रह गए। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वह छात्रों को भी प्रोत्साहित करें कि वह पढ़ाई करें
एक स्वस्थ वातावरण में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बहुत से युवा राजनीति में आना चाहते हैं लेकिन वहां भी उन्हें पढ़ाई करना ही होगा। दीक्षा में राज्यपाल ने 48 छात्र- छात्राओं को मेडल दिया।राज्यपाल ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही मुख्यमंत्री योगी के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि मेरठ के आर्थिक महत्व को देखते हुए देश का पहला रैपिड रेल यहां से शुरू किया जा रहा है जिससे मेरठ तरक्की की राह पर और तेजी से आगे बढ़ेगा। मेरठ खेल क्षेत्र में जिस तरह से आगे बढ़ रहा है। उसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय भी दिया है।
Governor Anandiben Patel ने कहा कि आज मेरठ खेल जगत में विकसित हो रहा है, चीनी के उत्पादन में आगे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एक्सप्रेसवे से तो मेरठ की तस्वीर बदल गई है। सरयू परियोजना पर उन्होंने कहा कि 40 साल पहले इस योजना को शुरू करने की योजना बनाई गई तो उस समय लागत 100 करोड़ रुपये थी, अब इसका मोदी जी ने लोकार्पण किया तो लागत 10 हजार करोड़ आई।
छात्रों के ताली बजाने पर Governor Anandiben Patel ने कहा कि यह ताली बजाने की बात नहीं है जो काम सौ करोड़ में हो सकता था वह इतने दिन बाद दस हजार करोड़ में हुआ। यह बड़ा पाप किया गया। आज आप यहां से संकल्प लेकर जाएंगे, जो काम जिंदगी में पूरा करने का लक्ष्य दिया जाएगा, उसे हमेशा उसे अवधि में पूरा करेंगे।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि दीक्षा समारोह में 48 मेडल में केवल तीन छात्रों ने प्राप्त किए हैं। बाकी छात्राओं के नाम हैं। बेटी पढ़े आगे बढ़े के तहत यह हो रहा है। प्रदेश और देश में जो माहौल है। उसमें यह परिवर्तन दिख रहा है। उन्होंने कहा कि दीक्षा शिक्षा का अंत नहीं है। एक विद्यार्थी जीवन भर सीख सकता है। अच्छा शिक्षक भी वही है जो जीवन भर विद्यार्थी बना रहता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढ़े चार साल के दौरान 12 विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया पूरी हुई
78 महाविद्यालय और 250 इंटर कॉलेज खुले। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग की अनुमति मिली। प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद सृजित किए गए। जल्द ही विश्वविद्यालय में विभिन्न भाषा का अध्यापन शुरू होगा। नई शिक्षा नीति में उत्तर प्रदेश और खास करके चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय आगे रहा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय और कॉलेजों के माध्यम से ऐसा बदलाव करना चाह रही है। जिससे बच्चे पढ़ते पढ़ते रोजगार प्राप्त कर सकें इसके लिए संस्थानों का अलग-अलग उद्योगों से करार भी किया गया है। विश्वविद्यालय के कॉलेजों कि जो पहले मांग थी प्रोफेसर पद कि उसे पूरा किया गया। साथ ही यू जी के शिक्षक भी शोध करा सकेंगे ऐसी व्यवस्था की गई है।