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Ukraine चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी सेना का कब्जा, एयर डिफेंस ठिकानों और एयरबेस को किया तबाह

Ukraine पर रूसी हमले हर बीतते मिनट के साथ हमले और ज्यादा तेज होते जा रहे हैं. यूक्रेन की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन बड़ी रूसी सेना के सामने ये नाकाफी है. अब सबकी नजरें इस बात पर लगी हैं कि ये जंग कितनी देर तक चलेगी, क्योंकि रूसी सेनाओं ने महीनों की प्लानिंग के बाद यूक्रेन पर अटैक किया है

हमले की रफ्तार ऐसी है, जो इससे पहले किसी युद्ध में देखी नहीं गयी थी. रूस समर्थक विद्रोही यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस गए हैं. वहीं, चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर भी रेड आर्मी का कब्जा हो गया है. इस लड़ाई में अब तक 137 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं, यूक्रेनी सेना ने रूस के भी कई विमान ध्वस्त कर दिए हैं.

एयर डिफेंस ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाया

रूसी सेना ने सबसे पहले Ukraine सेना के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, एयर डिफेंस ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाया और उन्हें तबाह कर दिया. रूसी हमले का नतीजा ये हुआ कि कुछ ही घंटों के भीतर यूक्रेन की खुद की रक्षा करने की ताकत बेहद कम हो चुकी है, काउंटर अटैक करना उनके लिए बेहद मुश्किल हो रहा है. यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाके होस्तोमेल में रूसी सेना के करीब 20 अटैक हेलिकॉप्टर्स ने जबरदस्त हमला किया. हमले की वजह से शहर धुएं के गुबार से घिर गया.

Ukraine की सेना ने यहां एक रूसी हेलिकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक रूसी सेना के KA-52 हेलिकॉप्टर को कंधे पर रखकर चलायी जाने वाली मिसाइलों से मारा गया है. यही नहीं रूसी सेना की तरफ से क्रूज मिसाइलों से भी जबरदस्त हमला किया है.

Ukraine में अफरा-तफरी का माहौल

क्रूज मिसाइलों के हमले में यूक्रेन को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. सेना के कई ठिकाने इसमें तबाह हुए हैं. इस वक्त यूक्रेन में अफरा-तफरी का माहौल है. पिछले कई महीनों से रूस यूक्रेन से सटी सीमाओं पर हमले का अभ्यास कर रहा था. यूक्रेन पर हमले की प्लानिंग बहुत लंबे वक्त से चल रही थी. प्लान के मुताबिक, यूक्रेन पर तीनों ही तरफ से एक साथ हमला किया गया है.

बेलारूस वाले रास्ते से रूसी सेनाओं ने लत्स्क, इवानो फ्रिंकवस्क और राजधानी कीव पर अटैक किया है. वहीं पूर्वी सीमा की तरफ से सबसे बड़ा हमला खारकीव पर किया गया है.  इसके अलावा नीपरो, रामातोरस्क, मरियोपोल पर भी जमीनी और हवाई हमले किए गए हैं. हमले का तीसरा रास्ता क्रीमिया की तरफ से बताया जा रहा था. वहां से भी रूसी सेनाएं यूक्रेन में घुसी हैं. खेरसन और ओडेसा शहर उनके हमले की चपेट में आए हैं.

फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे व्लोदिमीर जेलेन्स्की

Ukraineके राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेन्स्की अपनी सेनाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे. रूसी सेनाओं से लड़ रहे जवानों से बात की उनका हौसला बढ़ाया और युद्ध के हालात की जानकारी ली. लेकिन ज़ेलेन्स्की भी जानते हैं कि रूस के सामने उनकी सेनाएं ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकतीं हैं, क्योंकि जिस पैमाने पर रूसी सेनाएं यूक्रेन में घुसी हैं, जिस तेजी से उनकी आर्मी और एयर फोर्स हमला कर रही है, उससे लग रहा है कि जंग बहुत ज्यादा लंबी नहीं खिंचने वाली है.

Ukraine पर हमले की जो रणनीति पुतिन ने अपनायी है वो बेहद साफ-साफ नज़र आ रही है. रूसी सेनाओं की कोशिश है कि यूक्रेन की सेना को नेपियर नदी के दूसरी तरफ ही घेर लिया जाए, जिससे वो कीव की तरफ ना आ पाएं.

अगर ऐसा हो गया तो यूक्रेनी सेना के पास कोई विकल्प बचेगा नहीं. दरअसल रूसी सेना की प्लानिंग ये है कि वो यूक्रेनी सैनिकों को नेपियर नदी के उस पार ही फंसा दें, उनकी वापसी का रास्ता बंद कर दें, जिससे उनके पास कोई चारा बचे नहीं.

भारतीय दूतावास ने कहा..

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर देश भर में चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे शांत रहें और जहां भी हों सुरक्षित रहें। इस बीच अभिभावकों के साथ कई राज्य सरकारों ने विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी की मांग की है।

गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और केरल की सरकारों ने वहां मौजूद भारतीय छात्रों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से दखल देने की मांग की है।

उन्होंने अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकाला जाए। केरल ने भी चिंता जताई है। गुजरात सरकार ने अभी भी यूक्रेन में फंसे राज्य के छात्रों की सही संख्या बताई नहीं है। मगर राज्य के कई छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार और साथ ही यूक्रेन में भारतीय दूतावास छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि राज्य के कम से कम दस छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए वहां भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय के साथ मिल कर काम कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यूक्रेन में फंसे पंजाबियों सहित अन्य भारतीयों को बचाने और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच इस पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से बातचीत की है।

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी वी सतीशन ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा। पत्र में विपक्ष के नेता ने कहा है कि करीब बीस हजार भारतीय, जिनमें अधिकतर मलयाली हैं, यूक्रेन में फंसे हुए हैं। तथा उड़ानों की कमी एवं बढ़ते किराए के चलते खासकर विद्यार्थी विमान किराया देने में असमर्थ हैं।

सतीशन ने कहा ‘युद्ध तेज होने के बीच यूक्रेन ने भी अपने बड़े हवाईअड्डों को बंद करना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद के सुधारकरन ने भी बुधवार को ऐसा ही एक पत्र केंद्रीय मंत्री को भेजा था। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने भी यूक्रेन में भारतीयों के समक्ष पेश आ रही समस्याओं का जिक्र किया है।

News Desk

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