नेपाल में भारतीय समाचार चैनलों के प्रसारण पर रोक: सियासी संकट गंभीर
भारत और नेपाल के बीच जारी उथल-पुथल के बीच नेपाल में भारतीय समाचार चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। नेपाल के केबल टीवी प्रोवाइडर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि देश में भारतीय समाचार चैनलों के सिग्नल को बंद कर दिया गया है।
हालांकि, अभी तक नेपाल सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। नेपाल में भारतीय चैनलों में केवल दूरदर्शन (डीडी न्यूज) ही प्रसारित हो रहा है।
Nepali Cable TV providers tell ANI, signals for Indian news channels have been switched off in the country. No official government order of the same till now.
— ANI (@ANI) July 9, 2020
नेपाल में सियासी संकट गंभीर होता जा रहा है। नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भीतर पैदा हुए मतभेद समाप्त होते नहीं दिख रहे हैं।
नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा है कि नेपाल सरकार और हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ भारतीय मीडिया द्वारा आधारहीन प्रचार ने सारी हदें पार कर दी हैं।
Baseless propaganda by Indian media against Nepal govt and our PM has crossed all limits. This is getting too much. Stop with the nonsense, said former Deputy Prime Minister & Spokesperson of the ruling Nepal Communist Party (NCP) Narayan Kaji Shrestha: Nepal media
— ANI (@ANI) July 9, 2020
गुरुवार को आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।
कहा जा रहा है कि दोनों के बीच सप्ताह भर में आधा दर्जन से अधिक बैठकें हुई हैं। दहल विभिन्न मुद्दों पर असफलता के आरोप में लगातार ओली से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री ओली ने खुलेआम एक समारोह में कहा था कि एक होटल में बैठकर कुछ भारतीय ताकतें उन्हें कमजोर करने और हटाने की साजिश रच रही हैं। इसके बाद से उन्हीं की पार्टी के तमाम नेता उनके खिलाफ बोलने लगे थे। इससे पहले से भी पार्टी के सह अध्यक्ष प्रचंड और माधव नेपाल जैसे नेता ओली विरोधी मुहिम खुलकर चला रहे थे।