खेल जगत

Dhruv Jurel (ध्रुव जुरेल) ने बनाया इतिहास

रांची के जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में भारतीय टीम जीत की दहलीज पर खड़ी है. इंग्लैंड को दूसरी पारी में 145 के स्कोर पर ढेर करने के बाद भारतीय टीम जीत से केवल 152 रन दूर है. जबकि उसके सभी 10 विकेट शेष हैं. एक समय भारतीय टीम पर हार का खतरा मंडराने लगा था और इंग्लैंड के खाते में मैच जाती दिख रही थी. लेकिन खेल के तीसरे दिन रविवार को उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ी Dhruv Jurel  ने शानदार बल्लेबाजी की और इंग्लैंड के मुंह से जीत छीन लिया. जुरेल ने 90 रन की जुझारू पारी खेली. जिससे भारत की पहली पारी 307 रन तक पहुंची.

Dhruv Jurel उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं. उनके पिता इंडियन आर्मी में अपनी सेवा दे चुके हैं. जुरेल के पिता नेम सिंह कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं. भारतीय सेना से रिटायर हो चुके नेम सिंह की इच्छा थी कि उनका बेटा भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए आर्मी ज्वाइन करे और देश की सेवा करे. लेकिन ध्रुव को क्रिकेट खेलना बेहद पसंद था और यही कारण है कि पिता की इच्छा के विपरीत जाकर उन्होंने क्रिकेट को अपना करियर चुना. इसके लिए उन्हें पिता से बगावत तक करनी पड़ी. पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेला. यही कारण है कि उन्होंने ध्रुव को किट खरीदने के लिए पैसे भी नहीं दिए थे. 13 साल की उम्र में ध्रुव आगरा से नोएडा आ गए थे. बताया जाता है कि जब पिता से ध्रुव को साथ नहीं मिला तो उनकी मां ने उनका साथ दिया. जब 13 साल की उम्र में ध्रुव नोएडा क्रिकेट की कोचिंग लेने के लिए आए, तो उनके साथ उनकी मां भी आयीं.

तलेगांव में रोजाना 140 ओवर बल्लेबाजी करके टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हुए जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला में प्रभावित करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल ने रोजाना नेट सत्र में चार घंटे स्पिन का सामना करने के अलावा सैकड़ों थ्रोडाउन और 14 अलग-अलग गेंदबाजों के खिलाफ खेलकर टेस्ट किकेट के लिए खुद को तैयार किया. आगरा के 23 साल के जुरेल ने 18 महीने कड़ी मेहनत करके खुद को टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार किया और ‘महेंद्र सिंह धोनी जैसी खेल की समझ’ के लिए महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर भी उनकी सराहना कर चुके हैं. टेस्ट मैच से ठीक पहले वह तलेगांव में राजस्थान रॉयल्स एचपीसी आए और एक दिन में 140 ओवर तक बल्लेबाजी की. स्पिन की अनुकूल विभिन्न सतहों पर चार घंटे से अधिक समय लगा. यह अभ्यास सत्र जायसवाल के लंबे सत्र से मेल खाता था.

इस मैच से पहले ही ध्रुव जुरेल ने अपने जादूगरी बल्लेबाजी के साथ दिखा दिया है कि वह आगे भी भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं. उनका इस मैच में ब्रिलियंट प्रदर्शन ने कई लोगों की आँखों में आश्चर्य उत्पन्न किया है. उम्मीद है कि वे आगे भी इसी तरीके से जारी रखेंगे और भारतीय क्रिकेट को नए सितारों की ओर बढ़ाएंगे. ध्रुव जुरेल की कड़ी मेहनत, जज्बा और उत्साह को देखकर हम यह कह सकते हैं कि आने वाले समय में उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए स्वर्णिम हो सकता है. इसके साथ ही, उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. भारतीय क्रिकेट को ध्रुव जुरेल जैसे उत्कृष्ट खिलाड़ियों की आवश्यकता है जो न केवल अपने खुद के प्रदर्शन में उत्कृष्ट हैं बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय सीने में गर्वित करने में सक्षम हैं.

इस जीत के साथ ही, भारतीय क्रिकेट टीम को एक और सबसे महत्वपूर्ण मैच जीतने का बेहतरीन अवसर मिला है. ध्रुव जुरेल के इस उद्दीपनपूर्ण प्रदर्शन से हमें यह भी प्रतीत होता है कि भारतीय क्रिकेट में तलेंट की कमी नहीं है और हमें इसे बढ़ावा देने के लिए उचित माध्यम और आवस्यक संरचनाना प्रदान करनी चाहिए। ध्रुव जुरेल की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब एक खिलाड़ी को मिलता है अच्छा मार्गदर्शन और सही मौके का सही उपयोग करने का साहस, तो उसे कोई भी मुश्किल रूक नहीं सकती।

ध्रुव जुरेल ने इस मैच में न केवल अपने खुद के लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक नई उम्मीद की रौशनी बढ़ाई है। उनकी शानदार प्रदर्शन की बदौलत, उन्हें देशवासियों की भरपूर प्रशंसा और समर्थन मिल रहा है। यह मैच भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया सफलता का पन्ना खोलने का मौका प्रदान करता है और हमें यहां तक पहुंचने के लिए मेहनत, समर्पण, और आत्मनिर्भरता के महत्वपूर्णीयाता को समझाता है। ध्रुव जुरेल के सफलता के साथ, हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें आत्मविश्वास और उत्साह से युक्त रहकर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सक्षम होना चाहिए।

इस समय में, भारतीय क्रिकेट टीम को और भी बढ़े आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का एक अद्भुत अवसर मिला है। ध्रुव जुरेल के उच्च स्तरीय प्रदर्शन ने साबित किया है कि भारतीय क्रिकेट में हमारे पास अगले स्तर के खिलाड़ियों की कमी नहीं है, बस हमें उन्हें अच्छी तरह से पहचानने और उन्हें उच्च स्तरीय क्रिकेट में बढ़ावा देने के लिए उचित अवसर प्रदान करना है। इससे ही हमारा भारतीय क्रिकेट और भी मजबूत होगा और हम अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर भारत की शान को और बढ़ावा दे सकेंगे।

इस मैच के माध्यम से हमने देखा कि भारतीय क्रिकेट में हैं ऐसे खिलाड़ी जो न केवल खुद के लिए बल्कि देश के लिए भी अपना श्रेष्ठ दे रहे हैं। ध्रुव जुरेल के जैसे खिलाड़ियों को हमें पूरा समर्थन देना चाहिए ताकि उन्हें और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का मौका मिले और वे देश का नाम ऊँचा कर सकें। भारतीय क्रिकेट के इस नए युवा तालेंट को हमें सही मार्गदर्शन देना चाहिए ताकि वे अगले स्तर पर बढ़ सकें

News Desk

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