Mariupol में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश, Ukraine सेना का पलटवार
Russia and Ukraine के बीच घमासान युद्द जारी है. इस बीच Ukraine ने दावा किया है कि युद्ध में अब तक रूस के 15,300 सैनिक मारे गए हैं. Ukraine विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय ने दावा किया, “कुल 99 एयरक्राफ्ट, 123 हेलीकॉप्टर, 509 टैंक्स, 24 यूएवी, 15 स्पेशल इक्विपमेंट, 1000 वाहन, 45 एंटी एयरक्राफ्ट वारफेयर सिस्टम, 1556 अलग-अलग आर्म्ड व्हीकल रूसी बलों द्वारा नष्ट कर दिए गए हैं.”
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दो ‘सुपर पावरफुल बम’ ने मंगलवार को मारियुपोल को हिला दिया. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक बचाव प्रयासों के बीच ये बम फेंके गए. यह शहर लगभग एक महीने पहले रूस का हमला शुरू होने के बाद से लगातार गोलाबारी का सामना कर रहा है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक स्थानीय अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस रणनीतिक शहर में 200,000 से अधिक लोग फंसे हुए हैं.
मारियुपोल के स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि बचाव प्रयास जारी रहने के बावजूद शहर में दो ‘सुपर पावरफुल बम’ फेंके गए. हालांकि उन्होंने हताहतों की तुरंत गणना नहीं की थी. अधिकारियों ने कहा, “यह स्पष्ट है कि कब्जाधारियों को मारियुपोल शहर में कोई दिलचस्पी नहीं है, वे इसे जमीन पर गिराना चाहते हैं, इसे राख में बदलना चाहते हैं.”
उप प्रधानमंत्री इरीना वीरेशचुक ने एक वीडियो संबोधन में कसम खाई, “हम जानते हैं कि मंगलवार को सभी के लिए पर्याप्त जगह नहीं होगी, लेकिन हम तब तक निकासी करने की कोशिश करेंगे जब तक कि हम मारियुपोल के सभी निवासियों को बाहर नहीं निकाल लेते.”
राष्ट्रपति ने मांगी पोप से मदद
Ukraine के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस बीच मदद के लिए पोप फ्रांसिस की ओर रुख किया. उन्होंने पोंटिफ से संघर्ष में मध्यस्थता करने और “मानव पीड़ा” को समाप्त करने में मदद करने का आग्रह किया. इससे पहले जेलेंस्की ने सोमवार देर रात अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधी शांति वार्ता की पेशकश को दोहराया. जेलेंस्की ने स्थानीय मीडिया से कहा कि वह पुतिन से मिलकर “किसी भी प्रारूप में” चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
जेलेंस्की ने कहा कि डोनबास में रूसी कब्जे वाले क्रीमिया और रूस समर्थित स्टेटलेट्स की स्थिति पर भी चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा, “रूस के राष्ट्रपति के साथ पहली बैठक में, मैं इन मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हूं.” Ukraine राष्ट्रपति ने कहा, “कोई अपील या ऐतिहासिक भाषण नहीं होगा. मैं उनके साथ सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करूंगा.”
35 लाख से ज्यादा लोगों ने छोड़ा Ukraine
Ukraine पर रूस के हमले के बाद से 35 लाख से ज्यादा लोग देश छोड़ चुके हैं. गौरतलब है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद शरणार्थियों की संख्या सहित विभिन्न मायनों में यह यूरोप के लिए सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने मंगलवार को बताया कि 35.3 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है. इनमें से सबसे ज्यादा 21 लाख लोगों को पोलैंड ने अपने यहां शरण दी है. उसके बाद रोमानिया ने 5.40 लाख और मोल्दोवा ने 3.67 लाख से ज्यादा लोगों को अपने यहां शरण दी है.
Ukraine सेना ने मारियुपोल में शहर के बीचोबीच रूसी ठिकानों पर टैंक से हमले किए. यूक्रेनी सेना की टूकड़ी के इस हमले से कुछ घंटे पहले ही रूसी सेना ने मारियुपोल में स्थित यूक्रेनी सेना के ठिकानों को नष्ट कर दिया था, जिसकी ड्रोन तस्वीरें सामने आई थीं.
मारियुपोल को लेकर रूस ये दावा भी कर रहा है कि उसने शहर पर कब्जा कर लिया है, लेकिन Ukraine की आर्मी ने उनपर लगातार हमले कर साबित कर दिया है कि रूस के लिए मारियुपोल अभी दूर है. यूक्रेन की सेना हर मोर्चे पर रूस का मुकाबला करने की कोशिश में लगी हुई, उसके बावजूद यूक्रेन की बर्बादी को रोकने में उन्हें नाकामी हाथ लगी है. वहीं सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन को बर्बाद कर दिया है.
Ukraine आरोप लगा रहा है कि रूस इस युद्ध के दौरान फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रहा है. यूक्रेन की मानवाधिकार संस्था ने भी रूस की ओर से फॉस्फोरस बम के इस्तेमाल किए जाने का दावा किया है. हम इस बात को समझने की कोशिश करते हैं कि फॉस्फोरस बम क्या है और इसके कितने घातक प्रभाव हो सकते हैं और ये मानवों के लिए कितना खतरनाक है?
क्या है फॉस्फोरस बम?
फॉस्फोरस एक प्रकार का रंगहीन केमिकल है. ये ऑक्सीजन के संपर्क में आने से तेजी से जलता है. श्वेत फॉस्फोरस मोम जैसा मुलायम रवेदार पदार्थ होता है. इसमें लहसुन जैसी गंध होती है. प्रकाश में छोड़ देने पर यह धीरे-धीरे पीला हो जाता है. युद्ध के समय विस्फोटकों और धुंए का आवरण के लिए भी फॉस्फोरस का उपयोग होता है.
पीला फॉस्फोरस बेहद ही विषैला होता है और और इसका धुंआ भी काफी घातक होता है. जलते हुए व्हाइट यानी सफेद फॉस्फोरस का तापमान 800 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है. इस बम के धमाके से पैदा हुए इसके लाखों कण हर तरफ सफेद धुएं के एक गुबार की तरह फैलते हैं. इसकी चपेट में आने से किसी भी व्यक्ति की तुरंत मौत हो सकती है. इसके घातक कण मानव शरीर के अंदर तक घुस जाते हैं.
रूस की सुरक्षा नीति
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में सीएनएन को बताया कि रूस की सुरक्षा नीति तय करती है कि देश केवल तभी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब उसके अस्तित्व को खतरा हो. रूस द्वारा यूक्रेन में अपनी सेना भेजने के लगभग चार सप्ताह बाद ऐसे समय में यह टिप्पणी आई है, जब पश्चिमी देश इस पर पर चिंता जता रहे हैं कि रूस इस संघर्ष को परमाणु युद्ध में बदल सकता है. पेसकोव ने साक्षात्कार में यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे?
उन्होंने कहा, “हम घरेलू सुरक्षा की अवधारणा रखते हैं और यह सार्वजनिक है, आप परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सभी कारणों को पढ़ सकते हैं. इसलिए यदि हमारे देश के अस्तित्व के लिए खतरा होगा, तो इसका (परमाणु हथियार) हमारी अवधारणा के अनुसार उपयोग किया जा सकता है.” उन्होंने देश की सुरक्षा अवधारणा के एक और संदर्भ में कहा, “उसमें कोई अन्य कारण उल्लिखित नहीं हैं.” बता दें कि पुतिन ने पिछले महीने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया था.
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने रिपोर्ट किया था कि आदेश के अनुरूप रूस के रक्षा मंत्रालय ने 28 फरवरी को कहा कि उसके परमाणु मिसाइल बलों और उत्तरी तथा पैसिफिक फ्लीट को तैयार रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 14 मार्च को कहा, “परमाणु संघर्ष की संभावना, जो कभी अकल्पनीय थी, अब संभावना के दायरे में वापस आ गई है.”
यह युद्ध अजेय है: संरा प्रमुख
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के एक महीने बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को कहा कि यह “बेतुका” युद्ध “अजेय” है और अनिवार्य रूप से इसे युद्ध के मैदान से शांति की मेज पर ले जाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इस संघर्ष से भूख के वैश्विक संकट की प्रतिध्वनि सुनाई दे रही है.
गुतारेस ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक करोड़ यूक्रेनी लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर हो गए हैं अन्यत्र जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया यूक्रेन के शहरों, कस्बों और गांवों में भयानक मानवीय पीड़ा और विनाश देख रही है.