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गिरते हुए भू-जल स्तर को उपर लाने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगेः ल्यूकस एल कैमसन 

मुजफ्फरनगर। भारत सरकार के संयुक्त सचिव ल्यूकस एल कैमसन ने कहा कि पानी की संचयन बहुत जरूरी है क्योकि पीने के पानी बहुत कम हो रहा है। गिरते भू जल स्तर को ऊपर लाने के लिए हम सबको संयुक्त प्रयास करने होगे। तभी हम आने वाली पीढी को पीने का पानी सुलभ करा पायेगे। उन्होने कहा कि स्थिति बहुत गम्भीर है एक सर्वे के अनुसार देश के २५७ जिले पानी के संकट से जूझ रहे है। हम सबको माईक्रो लेवल पर जाकर कार्य करना होगा ऐसी कार्ययोजना बनानी होगी जिससे गिरते भू जल स्तर को ऊपर लाया जा सके। हमें वर्षा ऋतु का पानी रोकने (ड्रेन हार्वेस्टिग) व दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले पानी को भी रोकना होगा ताकि आने वाली पीढी को हम जीवन की सौगात भण्डार दे सकें। 

भारत सरकार के संयुक्त सचिव ल्यूकस एल कैमसन, जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय, भारत सरकार के उप सचिव एस के वशिष्ठ, वैज्ञानिक व तकनीकी अधिकारी मधुकर सिंह आज जिला पंचायत सभागार में १ जुलाई से १५ सितम्बर तक चलने वाले जल शक्ति अभियान के सम्बन्ध में बैठक कर रहे थे। 
जिलाधिकारी ने कहा कि पानी जैसी धरोहर को हमे भविष्य के लिए संचय करना होगा। उन्होने कहा कि खेतों का पानी खेत में रोकने के प्रयास भी अभी से करने होंगे तथा जितना पानी की आवश्यकता है उसी का उपभोग किया जाये व प्रयोग के लायक ही पानी लिया जाये। उन्होने कहा कि जल संरक्षण एव वर्षा जल संचयन आज की महती आवश्यकता है यदि हम लोग अभी अब से नही चेते तो धीरे-धीरे पानी की सतह नीचे गिरने के साथ ही पेड़, पौधों के के साथ हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। जल का अत्यधिक दोहन न करे। उसको आने वाली पीढी के लिए संरक्षित करके रखे। हमें जल संरक्षण एंव उसके संचयन के प्रति गम्भीर होना होगा। अन्यथा भविष्य में गम्भीर परिणाम भुगतने होगे। जनता अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए भूजल पर निर्भर है विगत दो तीन दशकों में सिंचाई पेयजल एवं औद्योगिक सैक्टर में भूगर्भ जल स्रोतों का अत्याधिक दोहन किये जाने से भूगर्भ जल स्तर में चिन्ताजनक गिरावट आई है इसी गिरावट को अभी संयुक्त प्रयासों से रोकना है। उन्होंने कहा कि जिला मुजफफरनगर में बुढाना, बघरा व चरथावल ब्लाक डार्क जोन पहुंच चुके है। 

जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण से लोगों को असानी से पेयजल एवं सिंचाई सुविधाएं मुहैया होगी तथा भूगर्भ के गिरते जलस्तर को रोकने में मदद मिलेगी। इसलिए लोगों को संकल्पबद्ध होकर इस वर्षा ऋतु में ही शत-प्रतिशत जल संरक्षण करना नितान्त आवश्यक है। जल संरक्षण से ही जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने कि वर्षा का पानी रोकने हेतु ग्राम प्रधान अपने खण्ड विकास अधिकारियों से विचार विमर्श करके मनरेगा के माध्यम से बेहतर तालाब का निमार्ण कर सकते हैं, उसकी सफाई करा सकते है इससे गांव में जल संरक्षण भी होगा तथा स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी मुहैया होगा। उन्होने कहा कि गांव के विकास के लिए देश के मा० प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मा० मुख्यमंत्री जी प्रतिबद्ध है। गांव में भू-जल स्तर में सुधार एवं निकट भविष्य में जलापूर्ति, भूजल स्तर को ऊपर उठाने एवं वर्षा जल संचयन के यह कार्य आवश्यक है। जल, जीवन के लिये सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन है।

वैज्ञानिकों के मतानुसार आगामी दशकों में यह विश्व के कई क्षेत्रों में एक गंभीर अभाव की स्थिति में चला जायेगा। उन्होने कहा कि उन प्रयासों पर जोर देने की आवश्यकता है जो कि अधिक से अधिक वर्षाजल को संग्रहित कर सके। स्थानीय स्तर पर वर्षा के पानी का संचयन या संग्रहण को या तो जलाशयों, टैंकों या झीलों में जल को संग्रहित करके रखने के माध्यम से हो सकता है अथवा भूमिगत जल के पुर्नभरण द्वारा किया जा सकता है। इस अवसर पर भारत सरकार से आये वैज्ञानिक व तकनीकी अधिकारी मधुकर सिंह ने भी जल सरंक्षण के अनेक बिन्दुओ पर प्रकाश डाला। 
इस अवसर पर मुख्य विकस अधिकारी अर्चना वर्मा, अपर जिलाधिकारी वि०/रा० आलोक कुमार, डीएफओ सूरज सहित अन्य अधिकारीगण के साथ जनपद के ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित थे।

News Desk

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