आरोपी को सबक सिखाने के लिए सुनवाई के दौरान कारावास की अवधि लंबी नहीं की जा सकती- Delhi High Court
अपहरण मामले की सुनवाई करते हुए Delhi High Court ने एक आरोपी को जमानत दे दी. मंगलवार को न्यायाधीश विकास महाजन की बेंच ने कहा कि आरोपी को सबक सिखाने के लिए सुनवाई के दौरान कारावास की अवधि लंबी नहीं की जा सकती. कोर्ट ने कहा कि करीब दो साल नौ महीने तक हिरासत में रह रहे अभियुक्त से ना तो कोई बरामदगी बाकी है और अभी मामले को समाप्त होने में लंबा वक्त लगेगा. ऐसे में मुकदमा चलने के दौरान कारावास केवल आरोपित को सबक सिखाने के उद्देश्य से बढ़ाया नहीं जा सकता है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है.
बता दें कि साल 2020 के सितंबर महीने में याचिकाकर्ता को पीड़ित महिला के परिजनों द्वारा गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. युवती के पिता ने आरोप लगाया कि अपहरणकर्ता ने फिरौती के तौर पर 40 लाख रुपये मांगे और मांग पूरी नहीं होने पर उनकी बेटी को जान से मारने की धमकी दी थी. अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि अपराध की गंभीरता जमानत से इनकार करने का एकमात्र मानदंड नहीं है.
Delhi High Courtने कहा कि जिस व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है, उसे तभी हिरासत में रखा जाना चाहिए. जब उसके फरार होने या सबूतों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को धमकाने की संभावना हो. अभियोजन पक्ष के मुताबिक पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिया था कि उसका अपहरण आरोपी व्यक्ति और उसकी प्रेमिका ने फिरौती के लिए किया था.