Muzaffarnagar News-श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन कृष्ण जन्म, गजेंद्र मोक्ष, श्रीराम अवतार कथा का मार्मिक वर्णन
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) सनातन धर्म सभाभवन में आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा समिति के तत्वाधान में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन कृष्ण जन्म, गजेंद्र मोक्ष, श्रीराम अवतार कथा का मार्मिक वर्णन किया। वहीं कथाव्यास परम पूजनीय श्रद्धेय युवासंत श्री प्रमोद सुधाकर जी महाराज रंगमहल धाम हरिद्वार ने कहा कि कृष्ण जन्मोत्सव पर खुद देखो मौसम भी कितना सुहावना हो गया है यह सब श्रीकृष्ण की लीला का ही कमाल है।
कथा में कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कथा में नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल के सरीखे भजनों पर महिलाएं नाचने लगी। कथा में कृष्ण जन्म नंदबाबा की झांकी सजाई गई। कथा में महाराज ने कहा कि वासुदेव -देवकी मथुरावासियों को दुराचारी कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान ने कृष्ण जन्म लिया। भगवान श्रीकृष्ण का अवतार जीव को जीव से प्रेम करना सिखाता है।
कृष्ण ने कई लीलाओं के माध्यम से लोगो को संदेश दिये है। इन लीलाओं सार समझने वाला व्यक्ति सदैव जीवन में सुखी रहता है जीव को आत्मा की शांति के लिए प्रभु की शरण में जाने की इच्छा रहती है, लेकिन मनुष्य में व्याप्त, तृष्णा, लोभ, पाप जैसी जैसी कई प्रवृत्तियां उसे प्रभु की शरण से दूर करती है। जीव तभी मुक्ति पा सकता है जब वो भागवत कथा का श्रवण करे। महाराज ने कहा कि किसी भी योनि का जीव भगवान को प्राप्त कर सकता है।
जिस तरह गजेंद्र नामक हाथी जब तालाब में स्नान कर रहा था तब ग्राह नामक हाथी ने उसका पांव पकड़ लिया और सभी से मदद मांगने के बाद भी किसी ने मदद नहीं की। तब गजेंद्र ने भगवान को खुद को समर्पित किया और भगवान ने गजेंद्र की रक्षा की। इस प्रकार भगवान को प्राप्त करने के लिए जीव योनि का कोई महत्व नहीं, उच्च योनि से लेकर निम्न योनि तक का कोई भी जीव भगवद् प्राप्ति कर सकता है।
महाराज ने समुद्र मंथन के बारे मे बताते हुए कहा कि समुद्र मंथन में एक तरफ देवता और एक तरफ राक्षस रहे। जहां भगवान ने मोहिनी अवतार ग्रहण करके देवताओं को अमृत पान कराया और वामन अवतार का कथा सुनाई। भगवान वामन ने राजा बलि से संकल्प करा कर तीन पग भूमि दान में मांगी और इस तीन पग में भगवान वामन ने पृथ्वी, आकाश और तीसरे पग में राजा बलि को मापा और बलि को सुतल लोक का राजा बना के खुद वहां के द्वारपाल बने।
कार्यक्रम में मुख्य पदाधिकारी पवन गोयल, अजय गुप्ता, संदीप मित्तल, अजय गोयल, आनंद गुप्ता, अमित गोयल, नवीन मित्तल, देवेंद्र मूर्ति, रजत गोयल, अभिषेक, संदीप मित्तल, रीता गोयल, रूचि मित्तल, ममता आदि श्रद्धालुगण मौजूद रहे।