Muzaffarnagar News-वात्सल्य करुणा उदारता संवेदना जिसके अंदर है वही धनवानः श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)। पूज्य गुरुदेव पुष्पदंत महाराज ने संबोधित करते हुए कहा आप सब के भीतर बैठे परमात्मा को बारंबार प्रणाम !!!एक कहानी के माध्यम से गुरुदेव में कहा कि एक सम्राट था जो बहुत विपत्ति में था तभी एक धनवान सेठ ने उसे अपना सारा धन उसको सहयोग के लिए दिया कुछ समय बाद धनवान को दिवाला निकालना पड़ा उसका सारा धन समाप्त हो गया ।
घर में खाने को भी मोहताज हो गया । एक दिन पत्नी ने कहा कि आप की स्थिति गंभीर हो गई है सम्राट से जाकर उनके चरणों में अपनी स्थिति के बारे में बताओ ।धनवान ने कहा कि जिसको हमने दिया है उसको भी मालूम होना चाहिए कि हम विपत्ति में हैं मेर दीवाला निकल गया है लोग इनकम टैक्स से बचने के लिए कहते हैं दिवाला शब्द का अर्थ क्या है दौलत गई मकान बिक गया इज्जत भी गई वह होता है दीवाला धनवान बोला दोनों हाथों से दिया है अब हाथ पिलाकर मांग लूं यह नहीं हो सकता है। पत्नी की आंखों से आंसू टपक रहे थे आंसू को देखकर उसने कहा ठीक है मैं सम्राट के पास जाता हूं । सम्राट के पास गया सम्राट ने पूछा आज कैसे आये।
कैसे शब्द से चौक गया, घबरा गया सोचा नहीं था मेरा अपमान होगा । कैसे शब्द का प्रयोग उसको बहुत चुब रहा था । धनवान सम्राट से बोला मेरा दीवाला निकल गया है घर में खाने के लिए एक भी दाना नहीं है । सम्राट ने सेवक को कहा एक बकरी दे दो, बकरी की विशेषता है जितनी बार चाहे उतनी ही बार दूध देती है
और कहा जब – जब पैसा ना हो दूध निकल लिया करो और बेचकर पैसा ले लिया करो । बकरी को लेकर घर पहुंचा । ३ दिन ही हुए थे बकरी मर गई वह दोबारा सम्राट के पास गया मैं क्या करूं बकरी मर गई है ।
सम्राट ने सेवक को कहा भैंस दे दो भैस का दूध निकाल लिया करो और पैसे कमा लिया करो ।३० दिन बाद वह भैंस भी मर गई धनवान फिर से सम्राट के पास गया और बोला भैंस भी मर गई है सम्राट ने सेवक को कहा एक गाय दे दो धनवान गाय लेकर चला गया, बड़ा आनंदित था
कुछ महिनों के बाद गाय भी बीमार होकर मर गई मैं बड़ा दुखी था एक बार और सम्राट के पास गया बोला गाय भी मर गई है सम्राट ने कहा तुम्हारा परम अच्छा नहीं चल रहा है तुम मेरे पास ही रह जाओ और मेरे राज्य को संभालो उसने कहा मैं यह नहीं कर सकता सम्राट ने धनवान की हनुमान को गले लगा लिया और बोला तुमने बुरे वक्त में मेरा साथ दिया था आज मैं तुम्हें अपना राज्य शॉप रहा हूं मैं बूढ़ा हो गया हूं अब तुम ही इस राज्य को संभालो इसका तात्पर्य यह है कि अगर आप बुरे वक्त में किसी का भला करोगे तो आपका भी भला ही होगा
मंच संचालन रविंद्र जैन व पुनीत जैन द्वारा किया गया एवं सभी गुरु भक्तों ने मिलकर गुरुदेव की आरती की आज के कार्यक्रम में मुख्यतः वर्षा योग समिति के सभी कर्मठ कार्यकर्ता एवं श्री पुष्पदन्त सागर युवा मंडल ने अपना सहयोग प्रदान किया एवं राजन जैन, प्रवीण जैन हुंडई,अविनाश जैन,गुणपाल जैन,नरेंद्र जैन,कमल जैन, डा.सुनील जैन,श्रीमती पूनम जैन,आरती जैन,संजय जैन, प्रवीण जैन(चीनू),सुनील जैन (टिकरी),रोहित जैन (अप्पू), मुकेश जैन, प्रदीप जैन,अमित जैन, नितिन जैन,अनुज जैन, विवेक जैन, आदि का सहयोग रहा ।