माता विंध्यवासिनी धाम के लिए वाराणसी और प्रयागराज डिपो की मदद से 160 बसों का संचालन
विंध्य पर्वत पर स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर है, जहां पर नवरात्रि के अवसर पर देश विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक वर्ष से मेला का आयोजन नहीं हुआ है।
इस बार कोरोनावायरस के मध्य नजर सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मेले का आयोजन किया गया है जिसमें सरकारी गाइडलाइन के अनुसार सभी व्यक्तियों को मास्क लगाकर मंदिर परिसर में जाने की अनुमति मिलेगी।
विंध्याचल मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा सैनिटाइजेशन करने की भी व्यवस्था की जाएगी। विंध्याचल मंदिर में दूर-दूर से अनेकों प्रदेशों से दर्शनार्थी अपने मन में श्रद्धा लेकर आते हैं यहां पर अष्टभुजा, काली खोह मंदिर का पैदल परिक्रमा भी करते हैं।
प्रशासन ने कोरोनावायरस को देखते हुए यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए कुल 160 बसों का संचालन विंध्याचल धाम तक किया जाएगा।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विंध्याचल नवरात्रि मेला के दौरान सभी यात्रियों को मास्क लगाकर ही यात्रा की अनुमति प्रदान की जायेगी । इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जायेगा ।
इसके लिए विभिन्न डिपो की 160 बसों का संचालन विंध्याचल धाम से किया जायेगा । ताकि दर्शनार्थियों को कोई असुविधा ना हो ।चैत्र नवरात्रि मेला 13 अप्रैल से आरम्भ हो रहा हैं ।
माता विंध्यवासिनी के धाम में आने वाले भक्तों की सहुलियत के लिए वाराणसी और प्रयागराज डिपो की मदद से 160 बसों का संचालन आसपास के जनपदों के लिए किया जायेगा । डिपो की विशेष बसें पड़ोसी जनपद वाराणसी, सोनभद्र, प्रयागराज और जौनपुर के लिए संचालित की जायेगी ।
परिवहन निगम ने इसके लिए वाराणसी से 60 तो प्रयागराज डिपो से 40 बसों की मांग की है । रोडवेज परिसर से यात्रियों को बराबर बसें मिलेगी । यात्रा के दौरान मास्क पहनना आवश्यक होगा । बस चालक और कंडक्टर भी मास्क में रहेंगे।
कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रशासन ने जगह जगह पर सैनिटाइजेशन करने की व्यवस्था के साथ-साथ यात्रियों के ठहरने को लेकर भी धर्मशाला ओं में भी गाइडलाइन के तहत व्यवस्थाएं करवाई जा रही है चैत के नवरात्रि में विंध्याचल मंदिर में दर्शन करने के लिए बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , कोलकाता, समेत विदेशों से भी दर्शनार्थी मन में श्रद्धा लेकर मां के दर्शन को बेताब रहते हैं।