नागरिक गंदगी से हुए परेशान
मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव कराने के लिए लगाई गई सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी से शहर के हालात शुरुआत में ही बिगड़ती दिखाई देने लगी है। मतदान दिवस नजदीक आने पर ट्रेनिग कार्या में लगे सफाई कर्मचारियों के कारण शहर में सफाई व्यवस्था सुस्त पड़ गई है। नगरपालिका के अधिकतर वार्डा में नालियों की सफाई से लेकर कूड़े का उठान तक नहीं हो पाया है, जबकि नियमित आधे सफाई कर्मचारियों को ही चुनावी ड्यूटी में लगाया है।
मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद में करीब ४७० नियमित सफाई कर्मचारी हैं और करीब २५८ सफाई कर्मचारी संविदा पर रखे हुए हैं। इस लोकसभा चुनाव में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की पहली बार चुनाव में ड्यूटी लगी है, जिसमें नगरपालिका के सफाई कर्मचारी भी शामिल किए गए हैं। पालिका प्रशासन के अनुसार उनके नियमित करीब २०३ सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव के लिए लगाई गई है। इतने कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगने के कारण पालिका प्रशासन के सामने चरमराई नगर की सफाई व्यवस्था को सुचारू करना चुनौती बन गया है।
शहर का आलम यह है कि पहले से ही सड़कों पर पड़े कचरे के उठान में देरी होती थी। अब कर्मचारियों की कमी के कारण मतदान दिवस तक यह परेशानी और बढ़ गई। शहर के नाले-नालियों की सफाई के साथ कचरा नहीं उठने से लोग परेशानी झेल रहे हैं। नगर पालिका चेयरमैन अंजू अग्रवाल का कहना है कि शहर सबको साफ चाहिए, लेकिन सहयोग कोई नहीं करता। कूड़ा उठाने वाले वाहनों के टेंडर पहले ही नहीं हो पाए। ऊपर से सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी भी चुनाव में लगाने से व्यवस्था खराब हो गई। बचे सफाई कर्मचारियों से पूरे शहर की सफाई की व्यवस्था के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।