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कई प्रांतों में कोयले की कमी के कारण चीन में बिजली की भारी कमी

चीन के कई प्रांतों में कोयले की कमी के कारण लोगों को बिजली की खपत घटाने को कहा गया है। ये सिलसिला दस दिन पहले शुरू हुआ। सबसे पहले झेजियांग प्रांत में बिजली कारखानों को हर तीन दिन पर 24 घंटों के लिए उत्पादन रोकने को कहा गया।

इस कारण शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा घरों, बार आदि को अपने काम के घंटे कम करने और हीटिंग सिस्टम को बंद करने का निर्देश दिया गया। चाइना इकॉनोमिक वीकली ने ये खबर छापी है। बाद में उसके आधार पर दूसरे चीनी समाचार माध्यमों ने भी ये खबर दी है।

चाइना इकॉनोमिक वीकली के मुताबिक, कोयले की सप्लाई जानबूझ कर घटाई गई है ताकि कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में कटौती हो सके। झेजियांग के बाद ऐसा कदम उठाने वाले दूसरा राज्य उसका पड़ोसी जियांग्शी बना।

वहां अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है कि सुबह और दोपहर बाद में बिजली की सबसे ज्यादा खपत वाले घंटों में बिजली की कटौती हो सकती है।

हुनान प्रांत में भी कारोबारी घरानों के लिए बिजली की सप्लाई में कटौती लागू की गई है। हुबेई प्रांत से मिली खबरों में भी बताया गया है कि कोयले की सप्लाई में कमी के कारण बिजली का उपभोग घटाया जा रहा है।

चीन ने 2060 तक खुद को कार्बन न्यूट्रल बनाने (यानी कार्बन उत्सर्जन बिल्कुल रोक देने) की महत्त्वाकांक्षी योजना घोषित की हुई है। कार्बन गैसों का सबसे ज्यादा उत्सर्जन कोयले से ही होता है।

कोयले का उपयोग बिजली बनाने और ठंड में घरों की हीटिंग के लिए होता है। अब तक चीन के कई राज्य इन कार्यों के लिए कोयले पर ही निर्भर हैं, लेकिन अब उनसे स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की तरफ बढ़ने को कहा गया है।

चीन मे योजना निर्माण से जुड़ी सर्वोच्च एजेंसी- नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद कारखानों में बढ़ी गतिविधियों और ठंड में हीटिंग की बढ़ी मांगों के कारण बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है।

इसलिए बिजली कई राज्यों में बिजली की कटौती करनी पड़ी है। हुनान और जियांग्शी जैसे प्रांत पहले ही बिजली की कमी की समस्या झेलते रहे हैं।

एजेंसी ने कहा कि ये दोनों प्रांत देश के कोयला भंडार से दूर हैं। उन्हें कहा गया है कि वे बाहरी स्रोतों पर ज्यादा निर्भर नहीं रह सकते। एजेंसी ने लोगों को आश्वासन दिया है कि सर्दियां खत्म होते-होते बिजली की सप्लाई सामान्य हो जाएगी।

बिजली की बढ़ी मांग के कारण कोयले की कीमत में तेजी से उछाल आया है। थर्मल पॉवर हाउसों में इस्तेमाल होने वाले कोयले का भाव सरकार द्वारा तय कीमत 600 युवान प्रति टन से बढ़ कर 730 टन हो गया है।

इसके अलावा हाल में कई कोयला खदानों में हादसे हुए। इनका असर भी कोयले की सप्लाई पर पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया से चीन के बढ़े तनाव के कारण वहां से आने वाले कोयले की आपूर्ति घटी है। नवंबर में चीन में कोयले के आयात में 19 फीसदी की गिरावट देखी गई। इन सबका असर बिजली के उत्पादन पर पड़ा है।

हुनान प्रांत में बिजली के सरकारी सप्लायर स्टेट ग्रिड हुनान के मुताबिक, अगले वसंत तक बिजली की उपलब्धता में 30 से 40 लाख किलोवाट की कमी रहने का अनुमान है।

ग्रिड ने कहा है कि सिद्धांत रूप में नागरिकों के बिजली के उपभोग का स्तर बनाए रखने की गारंटी की जाएगी, लेकिन बिजली के पूर लोड को देखते हुए एडस्टमेंट करने पड़ेंगे।

जानकारों का कहना है कि जैसा कि चीन में अक्सर होता है। असली समस्या को समझना मुश्किल बना रहता है। समस्या यह है कि बिजली की कमी हो गई है और उसका असर कई राज्यों में आम जीवन पर पड़ रहा है

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News Desk

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