स्वास्थ्य

वृद्धावस्था में भी बने रहें फिट- योगासन

बुढ़ापे में व्यक्ति को कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि कोई नियमित रूप से और सही तरीके से योग करता है तो काफी हद तक इन परेशानियों से बच सकता है।

योग आपकी शारीरिक-मानसिक गतिविधियों और आपकी क्षमता को बढ़ाता है। योग हर उम्र के लोगों के लिए लाभदायक होता है। खासतौर पर बुजुर्गों के लिए योग ज्यादा फायदेमंद होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र तक आते-आते व्यक्ति की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में बुजुर्गों के लिए योग बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है क्या योग बुजुर्गों के लिए सही होता है?

वृद्धावस्था की शुरूआत के साथ ही व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, कई तरह की बीमारियां शरीर में घर करने लगती है। ऐसे में यदि कोई बुजुर्ग नियमित रूप से योग करता है तो इसके कई तरह के फायदे देखने को मिलते हैं। योग न केवल उन्हें शारीरिक रूप से लाभ पहुंचाता है बल्कि यह मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में भी सहायता करता है।

बुजुर्गों के लिए योग के फायदेः
जिस तरह से बाकी लोगों के लिए योग फायदेमंद होता है वैसे ही बुजुर्गों के लिए भी योग के अनेक फायदे होते हैं जैसे- योग के कारण मांसपेशियों में संतुलन बना रहता है(जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है)। प्राणायाम (श्वास व्यायाम) के माध्यम से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ने लगती है। आप अपने योग के तरीकों में थोड़ा बहुत बदलाव लाकर चैन की नींद भी इन योगासन से वृद्धावस्था में भी फिट बने रहें ले सकते हैं। अगर किसी बुजुर्ग को अत्यधिक तनाव महसूस हो रहा है, तो योग उससे बाहर निकलने में मदद कर सकता है।

बुजुर्गों के लिए योग की मुद्राएंः
1.हाथों को उठानाः
इस योगासन में सांस लेते हुए अपने हाथों को कान से होते हुए ऊपर की ओर ले जाएं और फिर पैरों को जमीन पर समतल तरीके से रखें। अब अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें। ऐसा करने से शरीर का दर्द दूर हो जाता है और शरीर में मजबूती भी आती है।

2.पर्वत आसनः
पर्वत आसन की सहायता से शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है। इस आसन को करते वक्त आपको जमीन पर कमर सीधी करके बैठने की
आवश्यकता होती है। हाथों को ढीला रखें और धीरे ऊपर की तरफ ले जाकर मिला लें। अब सांस को अंदर की तरफ खींचें। इसे कम से कम पांच बार करें। ऐसा करने से आराम मिलेगा।

3.सीधे होकर बैठनाः
इस योग को करने के लिए सीधे होकर बैठने की जरूरत होती है। वैसे भी सीधे बैठने से हम कई किस्म की समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं। सीधे बैठने से आपके पीठ, कमर और गर्दन के दर्द से भी राहत मिलती है। इस आसन को करते वक्त अपने सांसों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। इसलिए लंबी सांसें लें और धीरे-धीरे सांसो को छोड़ें।

4.सिर पीछे की ओर झुकाएंः
अक्सर लोग कंधे और गर्दन के दर्द को दूर करने के लिए सिर को आगे की तरफ झुकाते हैं, वैसे ही सिर को पीछे की तरफ झुकाने से भी राहत मिलती है। इस प्रक्रिया को करते समय आपको अपनी सांस पर नियंत्रण रखना आवश्यक होता है। इसे कम से कम सप्ताह में पांच बार जरूर करें। इससे आपको आराम मिलेगा।

 

(सादर- द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट पत्रिका ISSN No. : 2582-3434 )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × five =