भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की तीसरी वार्ता शुरू
भारत और चीन के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात को हुई हिंसक झड़प के बाद हालात को सामान्य करने के लिए दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तर की तीसरी वार्ता शुरू हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह बातचीत उसी क्षेत्र में हो रही है जहां देनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इससे पहले बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई थी। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकला था।
We've seen so many such warmongering headlines on Indian media. so irresponsible to hype a conflict up to a "world war." what's good about a world war for India, and even a regional war with China? pic.twitter.com/ft7U5Aa9gP
— Li Qian (@ANG92316814) June 16, 2020
वहीं कुछ टीवी पत्रकार कल लेह पहुंचे हैं। वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प के बाद यहां का दौरा करेंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग से हिंसक झड़प के लिए बेहद कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया। वांग की ओर से आए फोन पर बातचीत में दोनों पक्ष तनाव कम करने, मौजूदा हालात से निपटने और हालात नियंत्रित करने पर सहमत हुए।
US Intelligence report says Indian Army killed 35 Chinese soldiers (see attached report). Our estimate is 43.
Situation is still unfolding. https://t.co/QSKJoxfvMI
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) June 17, 2020
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि समय की मांग यही है कि चीन सुधार की दिशा में कदम उठाए। उन्होंने कहा कि छह जून को सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर माहौल सामान्य बनाने पर सहमति के बाद स्थिति सामान्य होने की दिशा में प्रगति हो रही थी। चीन ने भारतीय सीमा के भीतर निर्माण करने की कोशिश की। जब यह विवाद की वजह बन गया तो चीन की सेना ने सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई की। इसके चलते हिंसा हुई।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सरकार से टिकटॉक और जूम समेत चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप को ब्लॉक करने या लोगों से इसका इस्तेमाल बंद करने की सलाह देने की सिफारिश की है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीनी एप सुरक्षा के लिहाज से असुरक्षित हैं और बड़े पैमाने पर डेटा भारत के बाहर भेज रहे हैं।
एजेंसियों ने सरकार को जो लिस्ट भेजी है उसमें टिकटॉक और वीडियो कांफ्रेंसिंग एप जूम के अलावा यूसी ब्राउजर, शेयर इट, क्लीन मास्टर और एक्सजेंडर जैसे एप भी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एजेंसियों की ओर से दिए गए प्रस्ताव का समर्थन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने भी किया है। एनएससीएस का मानना है कि चीनी एप भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। सभी मोबाइल एप के मानक और उससे जुड़े जोखिम की जांच की जाएगी।
चाइना न्यूज़ डॉट कॉम की खबर के मुताबिक ये दावा किया गया है कि 4700 मीटर की ऊंचाई वाले नियानक्विंग, तंगुला और न्येनचेन तंगुला की पहाड़ियों पर अग्नेयास्त्रों और रासायनिक उपकरणों के इस्तेमाल करके हुए इस युद्धाभ्यास में पीएलए और टीएमसी ने खुद को लगातार सक्रिय रखा है।
इस ड्रिल के तहत दुश्मनों के ठिकानों पर हमले करने और उसे नेस्तनाबूद करने की रणनीतियों को अंजाम दिया जाता रहा है।
15 और 16 जून को हुए ताजा युद्धाभ्यास में पीएलए और टीएमसी ने हवाई से लेकर जमीनी हमले के तमाम आधुनिक तौर तरीके आजमाए और खुद को किसी भी स्थिति के लिए तैयार किया।
जाहिर है इन खबरों के जरिये चीन दुनिया के ये बताने की कोशिश कर रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसी भी वक्त पूरी तैयारी के साथ हमले कर सकता है।
पिछले कुछ हफ्तों से फिर से उभर आए सीमा विवाद और सैन्य स्तर की बातचीत करने के बावजूद चीन की इस हरकत से भारतीय सेना सतर्क हो गई है।
#HindiCheeniByeBye We support Hindi Chini Bye Bye
Remove all Chinese App pic.twitter.com/SFMcJpzXmP
— Rajesh Shrivastva (@rajesh_nipu) June 17, 2020