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अक्षय तृतीया: सर्व सिद्ध मुहूर्त

अक्षय तृतीया जैसा नाम से ही ज्ञात होता है कि ये वो शुभ तिथि होती है, जिसमें किये जाने वाले सभी कार्य ‘अक्षय’ रहते हैं यानी, इस दिन किए गए दान-पुण्य कभी भी ‘क्षय’ नहीं होते है, बल्कि उससे मिलने वाला फल कई गुणा बढ़ जाता है। यह तीथि ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को भी खत्म करने मे विशेष कारगर होती है।

26 अप्रैल 2020 दिन रविवार को अक्षय तृतीया है।सर्व सिद्ध मुहूर्त के रुप में अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है इस दिन बिना पंचांग या शुभ मुहूर्त देखे आप हर प्रकार के मांगलिक कार्य सम्पन्न कर सकते है।

इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। हिन्दू समुदाय के अतिरिक्त जैन धर्म के लोग भी इस तिथि को बहुत महत्व देते है।

इस दिन बिना पंचांग या शुभ मुहूर्त देखे आप हर प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, वस्त्र आभूषण आदि की खरीदारी, जमीन या वाहन खरीदना आदि को कर सकते है। पुराणों में इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान या अन्य किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते है। इतना ही नहीं इस दिन किये जाने वाला जप, तप, हवन, दान और पुण्य कार्य भी अक्षय हो जाते है।

आज के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च राशि मे होते है।अतः मन और आत्मा दोनों से बलवान रहते है लोग तो आज आप जो भी कार्य करते है वो मन और आत्मा से जुड़ा रहता है ऐसे में आज का किया पूजा पाठ और दान पुण्य बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावी होते है।

आज कुछ ऐसे कार्य जो आपको वर्ष पर्यंत सुखी रखेंगे।अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की चीजें खरीदने का विधान है। आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें।

अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखने से देवी लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। समुद्र से मां लक्ष्मी के साथ प्रकट होने के कारण ये लक्ष्मी माता जी को बहुत पसंद हैं।

अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।  तृतीया के दिन घर के पूजा स्थल पर एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

आज के दिन दान का भी बहुत महत्व है।इस दिन पितरों की प्रसन्नता और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए।

इस दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या यह बारह प्रकार के दान का बहुत महत्व है।कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन लोग शादी विवाह का विशेष आयोजन करते हैं।

इस दौरान सूर्य और चन्द्रमा बेहद प्रबल होते हैं और उच्च के होते हैं, जिससे पृथ्वी पर दोनों स्त्री और पुरुष के बीच समांजस्य दिखाई देगा। इसलिए माना जाता है कि इस दिन यदि कोई भी शुभ कार्य सच्चे मन से किया जाए तो, उसका फल व्यक्ति को आवश्यक ही प्राप्त होता है। इसी कारण इस विशेष दिन लोग यज्ञ-हवन, पूजा-पाठ करना बेहद शुभ मानते हैं।

शास्त्रों अनुसार अक्षय तृतीया के दिन, किसी भी शुभ कार्य के लिए किसी शुभ मुहूर्त को नहीं देखा जाता, क्योंकि पंचांग में इस पूरे ही दिन को बेहद शुभ माना गया है। इसलिए भी इस दिन किसी नए या मांगलिक कार्य का संपन्न होना लाभकारी होता है। इस वर्ष ये शुभ तिथि आज 26 अप्रैल 2020, रविवार के दिन मनाई जाएगी।

इस पवित्र दिन को हर वर्ष दुनियाभर के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। माना जाता है कि इस दिन धन से जुड़ा हर आर्थिक निवेश, व्यक्ति को सालभर के लिए शुभ परिणाम देता है। इसी महत्व को समझते हुए, आज ही अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की स्थापना दिवस के रूप में भी मनाते हैं

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धर्म के गूढ़ रहस्यों और ज्ञान को जनमानस तक सरल भाषा में पहुंचा रहे श्री रवींद्र जायसवाल (द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट,वृंदावन) इस सेक्शन के वरिष्ठ सामग्री संपादक और वास्तु विशेषज्ञ हैं। वह धार्मिक और ज्योतिष संबंधी विषयों पर लिखते हैं।

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